अक्तूबर में जारी हुआ आवंटन, लाभुकों में आज तक नहीं हुआ वितरण
पूर्वी सिंहभूम में पिछले चार महीनों से जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत केरोसिन तेल का वितरण नहीं हो रहा है। थोक विक्रेताओं का कहना है कि उच्च कीमतों के कारण कोई भी तेल उठाने को तैयार नहीं है। इससे...

जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकान पर केरोसिन तेल नहीं मिल रहा है। पिछले चार महीने से केरोसिन का वितरण पूर्वी सिंहभूम ही नहीं,बल्कि पूरे राज्य में नहीं हुआ है। इसका खुलासा आपूर्ति विभाग के ऑनलाइन वितरण पोर्टल आहार से हुआ है। सभी जिलों के उठाव व वितरण कॉलम में अक्तूबर, नवंबर, दिसंबर, जनवरी माह में शून्य दिख रहा है। अक्तूबर माह के लिए पूर्वी सिंहभूम जिले को 4,46,322 लीटर केरोसिन तेल का आवंटन हुआ था। दिसंबर तक हर माह इतने तेल का उठाव किया जा सकता था। परंतु पूर्वी सिंहभूम सहित राज्य का कोई केरोसिन तेल होलसेलर(थोक विक्रता) उठाव के लिए तैयार नहीं हुआ। थोक विक्रेताओं का कहना है कि 86-87 रुपये की दर से खरीद में कोई बचत नहीं है और दुकानदार भी तेल लेना नहीं चाहते हैं। शहरी क्षेत्र की तो दूर, ग्रामीण क्षेत्र में भी केरोसिन तेल को पूछने वाला कोई नहीं है। इसकी मुख्य वजह है काफी महंगी दर। भले बाद में सब्सिडी राशि लाभुक के खाते में आ जाती है, परंतु इतनी मशक्कत के बाद कोई केरोसिन खरीदने को तैयार नहीं है। पूर्वी सिंहभूम जिले के केरोसिन तेल के होलसेलर ने तो लिखकर दे दिया है कि वे उठाव करने में असमर्थ हैं।
बाजार व कोटे की दर बराबर
जानकारों का कहना है कि केरोसिन तेल की जो दर उपभोक्ताओं के लिए तय की गई है, उसी दर पर बाजार में भी तेल उपलब्ध है। इसके कारण कोई उपभोक्ता केरोसिन तेल लेने को तैयार नहीं है। उसमें भी उपभोक्ताओं को मात्र एक लीटर तेल ही मिलना है। इसकी वजह से अधिकांश उपभोक्ता उदासीन हो गये हैं।
अब तो बाजार में भी नहीं दिखता तेल
केरासिन तेल अब बाजार में भी नहीं दिखता है। स्टोव जलाना लोग भूल चुके हैं। दोपहिया की सर्विसिंग में किरासन तेल का इस्तेमाल होता था। परंतु अब यह काम भी पेट्रोल से ही हो रहा है। काफी महंगे दर पर मुश्किल से उपलब्धता की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
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