कोल्हान विश्वविद्यालय को मिल सकती है शिक्षक नियुक्ति की स्वायत्तता
झारखंड के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों को शिक्षकों की नियुक्ति के लिए स्वायत्तता देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। यदि कैबिनेट से मंजूरी मिलती...
कोल्हान विश्वविद्यालय समेत झारखंड के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों को शिक्षकों की नियुक्ति के लिए स्वायत्तता देने की कवायद चल रही है। इसके लिए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जनवरी माह में इसे लेकर विभाग की बैठक हुई, जिसमें तय किया गया कि जल्द ही प्रस्ताव कैबिनेट भेजा जाएगा। कैबिनेट की मुहर लगते ही विश्वविद्यालयों को शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार मिल जाएगा। सभी स्वीकृत रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालयों को झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) का मुंह नहीं ताकना होगा। वर्तमान व्यवस्था में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति जेपीएससी की ओर से की जाती है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों को प्रोन्नति भी जेपीएससी से दी जाती है। इस कारण लंबे समय से नियुक्ति के साथ-साथ प्रोन्नति फंसी हुई है।
गौरतलब हो कि जल्द ही झारखंड के विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति शुरू होने वाली है। कैबिनेट में अगर इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल जाती है तो शिक्षकों के प्रमोशन का फैसला भी विश्वविद्यालय प्रबंधन ही कर सकेगा। आयोग से नियुक्तियां नहीं होने के कारण राज्य के विश्वविद्यालयों के पीजी विभाग और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 60% से अधिक खाली हैं।
नियुक्ति व प्रोन्नति 2018 से लंबित
जेपीएससी के अधीन होने के कारण लंबे समय से नियुक्तियां व प्रोन्नति लंबित है। जेपीएससी ने 2018 में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1118 पदों पर आवेदन मांगे थे। इनमें रेगुलर के 552 और बैकलॉग 566 पद शामिल थे। छह साल बाद छह से अधिक विषयों में नियुक्ति के लिए इंटरव्यू नहीं हो पाया है। आयोग विवि शिक्षकों को प्रमोशन देने में भी विफल रहा है। एक साल पहले विश्वविद्यालयों ने शिक्षकों को प्रमोशन देने के लिए आयोग को प्रस्ताव भेजा था। अधिकांश के प्रमोशन आज भी लंबित हैं। कई शिक्षक तो जिस पोस्ट पर बहाल हुए, उसपर ही रिटायर हुए।
नैक ने भी नियुक्ति की स्वायत्तता नहीं होने पर जताया था ऐतराज
कोल्हान विश्वविद्यालय में गत वर्ष निरीक्षण करने पहुंची नैक की टीम ने इसबात पर एतराज जताई थी कि विश्वविद्यालय को नियुक्ति करने के लिए जेपीएससी पर निर्भर रहना पड़ता है। नैक टीम ने कहा था कि देश के अन्य राज्यों में विश्वविद्यालय खुद नियुक्ति करते हैं। इसपर कोल्हान विश्वविद्यालय को नैक ने रैंकिंग देते हुए नियुक्ति में स्वायत्तता नहीं मिलने पर विशेष टिप्पणी की थी। टीम ने कहा था कि केयू में शैक्षणिक वातावरण व संसाधन को समृद्ध बनाने के लिए नियुक्ति की स्वायत्तता विवि को दी जानी चाहिए।
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