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कोल्हान की अधिकतर सीटों पर बढ़ा झामुमो की जीत का अंतर

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 2024 के चुनाव में कोल्हान में बेहतर प्रदर्शन किया है। अधिकांश सीटों पर, पार्टी के उम्मीदवारों ने 2019 के मुकाबले अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की। चाईबासा के विधायक दीपक...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरMon, 25 Nov 2024 02:03 AM
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2019 चुनाव के मुकाबले पार्टी की जीत का अंतर इस बार बढ़ा ⁠अधिकतर सीटों पर उतरे प्रत्याशी पिछले बार से अधिक वोट पाने में सफल रहे

पूर्वी सिंहभूम में सबसे अधिक अंतर से जीते हैं जुगसलाई के मंगल कालिंदी

चाईबासा के झामुमो विधायक दीपक बिरुवा सर्वाधिक मतों के अंतर से जीते

जमशेदपुर, प्रमुख संवाददाता

कोल्हान में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पिछले चुनाव के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। भले ही चंपई सोरेन के पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वाइन करने के कारण झामुमो को एक सीट का नुकसान कोल्हान में उठाना पड़ा हो, लेकिन जिन 10 सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है, उनमें से 7 सीटों पर उन्हें वर्ष 2019 के चुनाव के मुकाबले अधिक मतों के अंतर से जीत मिली है। सिर्फ तीन ही सीट ऐसी है, जहां से जीतने वाले झामुमो प्रत्याशियों को पिछले चुनाव के मुकाबले कम अंतर से जीत प्राप्त हुई है।

पूरे कोल्हान में चाईबासा के झामुमो विधायक दीपक बिरुवा सर्वाधिक मतों के अंतर से जीते हैं। पिछले चुनाव में इसी सीट से दीपक बिरुवा 26159 वोट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। वहीं, इस बार उनके जीत का अंतर 64835 रहा। पूरे कोल्हान में यह जीत का सबसे बड़ा अंतर रहा। इसी तरह मझगांव के झामुमो विधायक भी वर्ष 2019 के जीत के अंतर के मुकाबले इस बार अधिक मतों से विजयी हुए हैं। वर्ष 2019 में निरल पूर्ति को 47193 वोट के अंतर से जीत मिली थी। वहीं, इस बार वे 59603 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज करने में सफल रहे हैं।

जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र की विधायक मंगल कालिंदी ने भी पिछले चुनाव के मुकाबले लगभग दोगुने बड़े अंतर से इस बार का चुनाव जीता है। कालिंदी को पिछले चुनाव में 21934 वोटों के अंतर से जीत मिली थी। इस बारे वे 43445 वोट से जीत दर्ज करने में सफल हुए हैं। इसी तरह पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में बड़े अंतर से जीतने वाले विधायकों में घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन का नाम भी शामिल है। वर्ष 2019 में उन्हें 6724 वोटों से ही विजय मिल पाई थी। इस बार उन्होंने जीत के अंतर को बड़ा कर 22446 तक पहुंचा दिया। ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र से भी झामुमो की प्रत्याशी सविता महतो पिछले चुनाव के मुकाबले जीत का अंतर बढ़ाने में सफल रही हैं। पिछले चुनाव में सविता महतो 18710 वोट से जीती थीं। इस बार जीत का अंतर बढ़कर 26523 हो गया। मनोहरपुर में इस बार झामुमो ने नए प्रत्याशी को मैदान में उतारा था। यहां जोबा मांझी के पुत्र जगत मांझी पार्टी प्रत्याशी बने थे। जगत ने भी पिछले विधानसभा चुनाव में अपनी मां को मिले विजय के अंतर से अधिक वोटों से जीत दर्ज की। जोबा मांझी पिछले विधानसभा चुनाव में यहां 16619 वोट से जीती थीं, जबकि उनके बेटे जगत मांझी ने इस बार 31956 वोटों से जीत दर्ज की है। इसी तरह खरसावां विधानसभा क्षेत्र के विधायक दशरथ गागराई भी जीत के अंतर को पिछले चुनाव के मुकाबले बड़ा बनाने में सफल हुए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में दशरथ यहां से 22795 वोट से जीते थे। इस बार उनकी जीत का अंतर 32615 हो गया। जिन तीन सीटों पर झामुमो में विधायकों की जीत का अंतर घटा है। उनमें बहरागोड़ा, पोटका एवं चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव में झामुमो विधायक समीर मोहंती को 60565 वोट के अंतर से जीत मिली थी। यह अंतर इस बार घट गया है। वह इस बार 18125 वोट से जीते हैं। इसी तरह पोटका विधानसभा क्षेत्र में भी संजीव सरदार पिछले चुनाव के मुकाबले कम वोट से जीते हैं। 2019 में संजीव को 43110 वोट से जीते थे। वहीं, इस बार 27902 वोट से जीते हैं। इसी तरह चक्रधरपुर में सुखराम उरांव पिछले चुनाव में 12234 वोट से जीते थे। इस बार 9310 वोट से जीते हैं।

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