मूलवासी अधिकार मंच ने लीज नवीकरण कमेटी में मांगी जगह
झारखंड मूलवासी अधिकार मंच ने टाटा लीज नवीकरण कमेटी में विस्थापितों को शामिल करने की मांग की है। हरमोहन महतो ने कहा कि विस्थापितों को न्याय नहीं मिला है और सरकार को पहले विस्थापित आयोग बनाना चाहिए।...
झारखंड मूलवासी अधिकार मंच ने टाटा लीज नवीकरण कमेटी में विस्थापितों को भी स्थान देने की मांग की है। उनका कहना है कि टाटा स्टील, एयरपोर्ट और डिमना डैम से विस्थापित हुए लोगों को कमेटी में नहीं रखा गया है। मंच के मुख्य संयोजक हरमोहन महतो ने मांग की कि लीज नवीकरण कमेटी को पहले भंग किया जाए और उसके बाद उसमें विस्थापितों का भी एक कलम जोड़ा जाए. ताकि कंपनी एयरपोर्ट और डिमना डैम से हुए विस्थापित भी इस कमेटी में शामिल किये जा सकें और अपने जायज मांग को सरकार एवं कंपनी के समक्ष रख सकें। उन्होंने टाटा स्टील बनने से पहले 18 मौजा के रैयत खतियान धारी आदिवासी मूलवासी जो विस्थापित हुए थे। विस्थापन के खिलाफ कॉफी अर्शे से मुआवजा, जमीन वापसी, नौकरी और रोजगार हेतु आंदोलन आज भी जारी है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद विस्थापितों को न्याय नहीं मिला। लीज नवीकरण के पहले सरकार विस्थापित आयोग बनाकर 18 मौजा के विस्थापितों को न्याय प्रदान करें। मंच का यह भी कहना है कि यह क्षेत्र पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में है और राज्यपाल इसके संरक्षक हैं। आदिवासी क्षेत्र में ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की अनुमति के बिना नगर विकास एवं भू राजस्व विभाग का अधिसूचना करना सरासर गलत एवं असंवैधानिक है।
मंच ने मांग किया कि नगर विकास विभाग के द्वारा जो अधिसूचना जारी की गई है उसे रद्द कर लीज नवीकरण कमेटी में हरमोहन महतो एवं गोपाल मुर्मू को रखा जाए. अन्यथा इसके खिलाफ जोरदार आंदोलन किया जाएगा। इस मांग से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम डीसी ऑफिस में सौंपा गया।
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