अलविदा 2024 : टाटा समूह ने रतन टाटा को खोया, टाटा मोटर्स में स्थायीकरण का मुद्दा सुलझा
जमशेदपुर में 2024 में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं। रतन टाटा का निधन, कान्वाई चालकों का आंदोलन, बिजली संकट और टाटा स्टील का विलय प्रमुख घटनाएँ थीं। जेम्को का अस्तित्व समाप्त हुआ और जुस्को ने दरें बढ़ाई।...
जमशेदपुर।लौहनगरी को झारखंड की औद्योगिक नगरी के साथ आर्थिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स समेत टाटा समूह की कई कंपनियों के अलावा यहां कई छोटे-मझोले उद्योग हैं। इनमें दो लाख से अधिक स्थायी कर्मियों के साथ ठेकाकर्मी काम कर रहे हैं। जमशेदपुर के कॉरपोरेट सेक्टर में वर्ष 2024 के दौरान कई घटनाक्रम ने कर्मचारियों और लोगों को प्रभावित किया। टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन एन टाटा का निधन कॉरपोरेट जगत के साथ समूह की सबसे बड़ी घटना रही। 9 अक्तूबर की रात उनके निधन की सूचना ने पूरे कॉरपोरेट सेक्टर को स्तब्ध कर दिया। रतन टाटा ने टाटा समूह को वैश्विक ब्रांड बनाया। उन्होंने बिजनेस की परिभाषा ही बदल दी। वे कॉरपोरेट सेक्टर के आईकॉन थे। कोविड के दौरान 1500 करोड़ रुपये का दान करना मानवता के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है। वर्ष 2024 में टाटा स्टील में कई बदलाव हुए, लेकिन वर्ष 1956 में प्रबंधन तथा यूनियन के बीच ज्वाइंट कंस्लटेशन सिस्टम पर हुए समझौते में बदलाव अहम रहा। टाटा स्टील में इस समझौते के तहत कर्मचारियों के मुद्दे सुलझाने के लिए प्रबंधन तथा यूनियन की संयुक्त त्रिस्तरीय व्यवस्था बनी थी। इसमें सर्वोच्च स्तर पर जेसीसीएम होता था, जिसमें टाटा वर्कर्स यूनियन के टॉप थ्री पदाधिकारियों के साथ प्रबंधन की ओर से प्रबंध निदेशक समेत लगभग सभी वरीय पदाधिकारी होते थे। इसके नीचे जेडब्ल्यूसी थी, जिसमें कंपनी के उपाध्यक्ष स्तर के पदाधिकारी के साथ यूनियन के भी पदाधिकारी तथा कमेटी मेंबर होते थे। तीसरा तथा अंतिम स्तर विभागीय स्तर पर जेडीसी होती थी। जेडीसी स्तर पर कोई मसला नहीं सुलझने पर वह जेडब्ल्यूसी में जाता था। यहां नहीं सुलझने वाले मुद्दे जेसीसीएम में जाता था। लेकिन अब यह व्यवस्था जमशेदपुर प्लांट के लिए दो स्तरीय हो गई है।
कान्वाई चालकों का आंदोलन 1 मार्च 2023 से है जारी
टाटा मोटर्स की चेसिस को दूसरों शहरों तक ले जाने वाले कान्वाई चालकों की मांगों को लेकर आंदोलन 1 मार्च से शुरू है। न्यूनतम मजदूरी, सालाना बोनस और चालकों के बीमा को लेकर यह आंदोलन चल रहा है। जिला प्रशासन और श्रम विभाग की कवायदों के बावजूद आजतक यह मामला नहीं सुलझा पाया है।
20 सितंबर को शहर में हो गया था ब्लैक आउट
20 सितंबर की रात 7 बजे टाटा पावर की जमशेदपुर यूनिट की सभी पांचों यूनिट से उत्पादन ठप हो गया था। पावरग्रिड में आई तकनीकी खराबी के कारण पूरे शहर में बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। शहर के साथ कंपनियों में अंधेरा छा गया था। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स समेत कई कंपनियों में उत्पादन प्रभावित हुआ। इसके कारण 1000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान होने का अनुमान लगाया गया। टाटा स्टील में कोक प्लांट के अलावा ब्लास्ट फर्नेस पूरी तरह ठप हो गए थे। शहर के साथ आदित्यपुर तक ब्लैकआउट था। इन क्षेत्रों में 24 घंटों के दौरान क्रमवार बिजली आपूर्ति शुरू हो पाई थी।
तार कंपनी, टिनप्लेट समेत पांच कंपनियों का टाटा स्टील में विलय
शहर की कई कंपनियों का टाटा स्टील में विलय की प्रक्रिया इस वर्ष पूरी की गई। टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया, आईएसडब्ल्यूपी (तार कंपनी), आदित्यपुर स्थित टाटा स्टील लॉंग प्रोडक्ट का विलय टाटा स्टील में किया गया। हालांकि, इसके अलावा टाटा मेटालिक्स, टाटा स्टील माइनिंग तथा एसएंडटी माइनिंग कंपनी का भी टाटा स्टील में विलय हुआ।
जेम्को का अस्तित्व हो गया समाप्त
तार कंपनी का डिवीजन जमशेदपुर इंजीनियरिंग एंड मशीनरी कंपनी (जेम्को) का अस्तित्व समाप्त हो गया। जेम्को का हमेशा अलग अस्तित्व रहा था। हालांकि यह तार कंपनी का डिवीजन रहा। तार कंपनी का टाटा स्टील में विलय होने के साथ ही इसका नाम टाटा स्टील वायर्स कंपनी हो गया। इसके साथ ही जेम्को का अस्तित्व भी समाप्त हो गया।
जुस्को ने बढाई बिजली, पानी की दर, कचरा उठाव पर शुल्क की घोषणा
टाटा स्टील यूआईएसएल में तब्दील जुस्को ने इस वर्ष कई क्षेत्रों में सेवा शुल्क बढ़ाकर शहरवासियों पर वित्तीय बोझ बढ़ा दिया। बिजली बिल तथा जल शुल्क में वृद्धि की गई, वहीं, अगले वर्ष से कचरा उठाव पर भी शुल्क लगाने की घोषणा की गई।
11 हाइड्रोजन इंजन का हुआ निर्माण
अमेरिकी कंपनी कमिंस तथा टाटा की संयुक्त उद्यम टाटा कमिंस ग्रीन इनर्जी सोल्यूशंस के नाम से विश्व की दूसरी हाइड्रोजन इंजन बनाने वाली कंपनी द्वारा 11 इंजन का निर्माण किया गया। यह कंपनी टाटा मोटर्स में स्थापित की गई है। इसे बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
बाईसिक्स कर्मचारियों की लंबित मांग पूरी
टाटा मोटर्स में बाईसिक्स (अस्थायीकर्मी) के स्थायीकरण का मुद्दा पूरी तरह से सुलझा लिया गया। प्रबंधन तथा यूनियन ने इसपर अमल करना भी शुरू कर दिया है। 2700 बाईसिक्स में प्रबंधन ने अबतक 1225 की सूची जारी कर दी है। इतनी बड़ी संख्या में स्थायीकरण बड़ी उपलब्धि के रूप में याद रहेगी।
शहर को मिला रोज गार्डेन का तोहफा
वर्ष 2024 शहरवासियों के लिए कई सौगात भी लेकर आया। टाटा स्टील तथा टाटा स्टील यूआईएसएल की ओर से प्रायोजित जमशेदपुर हॉर्टिकल्चर सोसाइटी ने शहर को रोज गार्डेन का तोहफा दिया। इस गार्डेन में गुलाब की पांच प्रजाति के 1500 से अधिक प्रकार के पोधे लगाए गए हैं। सर दोराब जी पार्क से सटे करीब 6000 वर्गमीटर में फैले इस रोज गार्डेन के गुलाबों की महक का आनंद ले सकेंगे शहरवासी। शहर के पूर्वी क्षेत्र में टाटा स्टील ने एग्रिको में नेचर ट्रेल का भी तोहफा दिया है। वहीं, 1.76 करोड़ से चिड़ियाघर में तितलियों का घर (बटरफ्लाई हाउस) का तोहफा भी शहरवासियों को मिला है।
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