Hindi Newsझारखंड न्यूज़जमशेदपुरIf you want to learn cleanliness then come to Pathargowda village and learn

स्वच्छता सीखनी हो तो पाथरगोड़ा गांव आकर सीखें

महात्मा गांधी से किसी ने पूछा था, आपको सफाई पसंद है या आजादी? इस पर उन्होंने जवाब दिया था, पहले सफाई फिर आजादी। मुसाबनी प्रखंड का गांव पाथरगोड़ा राष्ट्रपिता के इस संदेश का बखूबी पालन करता है। इस गांव...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरFri, 31 Jan 2020 01:49 AM
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महात्मा गांधी से किसी ने पूछा था, आपको सफाई पसंद है या आजादी? इस पर उन्होंने जवाब दिया था, पहले सफाई फिर आजादी। मुसाबनी प्रखंड का गांव पाथरगोड़ा राष्ट्रपिता के इस संदेश का बखूबी पालन करता है। इस गांव को जिला प्रशासन ने शौच मुक्त घोषित किया है। खेलकूद के दम पर सरकारी नौकरी हासिल करने में भी इस गांव के युवा अव्वल हैं। आखिर हो भी क्यों नहीं? क्योंकि जो लोग साफ-सफाई के प्रति जागरूक होंगे। जाहिर है कि वे स्वस्थ रहेंगे। लिहाजा हर क्षेत्र में इनका दमदार प्रदर्शन होगा। स्वच्छता देख स्वच्छ भारत अभियान भी हो जाएगा कायल : छह टोलों में बंटे आदिवासी बहुल पाथरगोड़ा गांव की आबादी लगभग 900 है। बड़ा बस्ती टोला गांव का प्रवेश द्वार है। प्रवेश करने के साथ ही स्वच्छता की झलक का दीदार होता है। पीसीसी सड़क के दोनों ओर मिट्टी के घर बने हैं। संथाली महिलाओं की कलाकारी घर की दीवार साफ दिखती है। दीवार पर बनी रंगोली बरबस लोगों का मन मोह लेती है। घर के बाहर और अंदर गजब की सफाई है। गांव के किसी भी टोले में चले जाएं प्लास्टिक तो दूर की बात, कहीं किसी प्रकार की गंदगी नहीं दिखेगी। प्राय: सभी घरों के पिछवाड़े में बागवानी की गई है। घर में पशुओं को रखने के लिये जो हिस्सा है, वहां भी सफाई का भरपूर ख्याल रखा जाता है। घरों से पानी निकासी की समुचित व्यवस्था की गई है। सभी घरों में शौचालय बने हुए हैं जिनका प्रयोग प्रत्येक परिवार के सदस्य करते हैं। आंगनबाड़ी सेविका शांति हांसदा कहती हैं कि सभी घरों की महिलाएं सुबह झाड़ू लगाने के बाद कचरे को जला दिया करती हैं। खेल कोटा से 67 फुटबॉलरों को मिली नौकरी : आज भले ही देश-दुनिया में खेलकूद के सहारे लोग पैसा और शोहरत दोनों ही कमा रहे हैं। लेकिन पहले जमाने में कहावत थी- पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे बनोगे खराब। मुसाबनी प्रखंड का पाथरगोड़ा एक ऐसा गांव है जहां फुटबॉल की विद्या में पारंगत होकर 67 युवक सरकारी नौकरियां हासिल कर चुके हैं। खेल कोटा से इस गांव के युवक रेलवे, सेना, अर्द्ध सैनिक बल, स्टेट पुलिस, बैंक, औद्योगिक संस्थानों में नौकरी कर रहे हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर सभी लोग छुट्टी में गांव पहुंचते हैं और अपने खर्च पर फुटबॉल का महा मुकाबला पाथरगोड़ा में करवाते हैं। इस अवसर पर लगने वाले मेला में हजारों की भीड़ जुटती है। खेल के सहारे नौकरी हासिल कर चुके इस गांव के युवा आसपास के अन्य फुटबॉलरों को भी बेहतर करने को प्रोत्साहित करते हैं।

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