गरीब आदिवासी का नहीं बना आयुष्मान कार्ड, इलाज के लिए जमीन बेची
पटमदा प्रखंड के बेलटांड़ बस्ती निवासी मनोहर सिंह को डायबिटीज और किडनी फेलियर होने पर इलाज में कठिनाई हो रही है। आयुष्मान कार्ड न होने से परिवार चिंतित है। डायलिसिस के लिए पैसे की कमी और सरकारी योजना...
पटमदा प्रखंड मुख्यालय से महज 200 मीटर दूर बेलटांड़ बस्ती निवासी मनोहर सिंह (56 ) का आयुष्मान कार्ड नहीं होने से परिवार के लोग चिंतित हैं। परिवार के मुखिया मनोहर सिंह को डायबिटीज की बीमारी थी। करीब 2 माह पूर्व तबीयत अधिक बिगड़ने पर उनकी पत्नी ने रिश्तेदारों से कर्ज लेकर डिमना रोड स्थित नर्सिंग होम में भर्ती कराया। इलाज में पता चला कि उनकी दोनों किडनी खराब हो चुकी है। इलाज के दौरान अस्पताल का बिल काफी होने पर एकमात्र जमीन का सौदा करते हुए दो लाख में बेच दिया। उनकी पत्नी श्रीमती सिंह बताती हैं कि करीब एक माह से डायलिसिस चल रही है और वर्तमान में 2 लाख खर्च हो चुके हैं। अब आगे डायलिसिस कैसे होगी, समझ नहीं आ रहा है। इस संबंध में बेलटांड़ निवासी समाजसेवी आदित्य हालदार ने बताया कि पैसे के अभाव में डायलिसिस के लिए जरूरी फिस्टूला (हाथ का) खरीद नहीं पा रहे थे तो साकची स्थित साईं डायलिसिस सेंटर के मालिक ने 5 हजार की मदद की तो डायलिसिस शुरू हो सकी है। चिकित्सकों के अनुसार, सप्ताह में 3 दिन डायलिसिस की जरूरत है, लेकिन खर्च के अभाव में मात्र 2 दिन ही करा पा रहे हैं। हालदार के अनुसार, आयुष्मान कार्ड के लिए पटमदा सीएचसी में अंगूठा लगवाया गया था, लेकिन एक माह बाद भी कार्ड नहीं बना, जो चिंता का विषय है। हालदार का आरोप है कि उनकी जानकारी में काफी मात्रा में संपन्न परिवार के लोग भी आयुष्मान कार्ड बनाकर सरकारी योजना का लाभ ले रहे हैं, लेकिन जरूरतमंदों का कार्ड नहीं बन पाना जिम्मेदारों पर सवाल खड़े करता है।
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