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पूर्व विधायक बेसरा के घर के पास किया हनुमान चालीसा पाठ

झारखंड पीपुल्स पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा के द्वारा सोशल मीडिया पर हिन्दूवादियों के संबंध में की गई विवादित टिप्पणी पर शनिवार को जमकर बवाल हुआ। संपूर्ण हिन्दू समाज...

हिन्दुस्तान टीम जमशेदपुरSun, 4 Aug 2019 05:36 PM
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झारखंड पीपुल्स पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा के द्वारा सोशल मीडिया पर हिन्दूवादियों के संबंध में की गई विवादित टिप्पणी पर शनिवार को जमकर बवाल हुआ। संपूर्ण हिन्दू समाज नामक संगठन ने उनकी टिप्पणी के विरोध जताने में उनके घोड़ाबांधा स्थित पैतृक निवास पर पुलिस से धक्का-मुक्की के बीच सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ और आरती कर माहौल को गरमा दिया।

पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार हिन्दूवादी धवल रक्ष, नीरज मिश्रा, मनोज बाजपाई और दशरथ शुक्ला के नेतृत्व में शाम साढ़े पांच बजे लाउडस्पीकर बंधे एक वाहन पर नारेबाजी करते हुए घोड़ाबांधा पहुंचे। पर बेसरा के द्वारा एसएसपी को इस आयोजन की सूचना देने और उनसे सुरक्षा की मांग के कारण वहां काफी संख्या में पुलिस पहले से तैनात थी।

बेसरा के आवास से करीब 200 मीटर पहले पुलिस ने हिन्दूवादियों को रोक दिया। वहां आगे बढ़ने के लिए पुलिस और हिन्दूवादियों में धक्का-मुक्की भी हुई, पर आखिरकार मामला थम गया। हिन्दूवादियों ने आखिरकार वहीं सड़क किनारे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ किया, आरती की और प्रसाद वितरण कर लौट गए।

उन्होंने बेसरा को आइंदा इस प्रकार की टिप्पणी करने पर नतीजा अच्छा नहीं होने की बात कही है। इस कार्यक्रम में विकास सिंह, सूरज तिवारी, रॉकी सिंह, भाजयुमो टेल्को मंडल अध्यक्ष विकास शर्मा, भाजपा टेल्को मंडल अध्यक्ष पप्पू सिंह आदि भी शामिल थे।

रक्ष ने दी थी चेतावनी

इससे पूर्व धवल रक्ष ने बेसरा से बात की थी और बोला था कि घर के समीप आ कर आरती करूंगा, रोक सको, तो रोक लो। हालांकि बेसरा ने आरोप लगाया है कि शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे शैलेश करुवा के नेतृत्व में 10-15 की संख्या में पहुंचे हिन्दूवादियों ने उन्हें धमकी दी। नारे लगाए और गाली देते हुए बाजार की ओर चले गए।

राम मेरे भी आदरणीय : बेसरा

इस घटनाक्रम पर सूर्य सिंह बेसरा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम उनके भी आदरणीय हैं। सभी धर्मों के प्रति उनका समान आदर है। पर फेसबुक पोस्ट से उनका आशय आजकल जय श्रीराम को माध्यम बनाकर जो मॉब लिंचिंग और धार्मिक कट्टरता पैदा की जा रही है, उसका विरोध है। जहां तक जय झारखंड बोलने की बात है, यह झारखंड अलग राज्य और झारखंड आंदोलन का आदर्श शब्द है।

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