अच्छी खबर : सामान्य विद्यार्थियों के साथ स्कूलों में पढ़ेंगे थर्ड जेंडर बच्चे
थर्ड जेंडर बच्चों को अब कॉन्वेंट स्कूलों में प्रवेश मिल सकेगा। साथ ही इन्हें स्कूल में चलने वाले रोजगारोन्मुख सर्टिफिकेट कोर्स में भी दाखिला...
थर्ड जेंडर बच्चों को अब कॉन्वेंट स्कूलों में प्रवेश मिल सकेगा। साथ ही इन्हें स्कूल में चलने वाले रोजगारोन्मुख सर्टिफिकेट कोर्स में भी दाखिला मिलेगा। सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल के सामान्य विद्यार्थी आने वाले दिनों में थर्ड जेंडर बच्चों के साथ सामान्य कक्षाओं में भाग लेंगे। स्कूल प्रबंधन जल्द ही इस विषय में विद्यार्थियों के अभिभावकों के साथ चर्चा कर इस निर्णय को लागू करेगा।
युवाओं के लिए तीन रोजगारोन्मुख सर्टिफिकेट कोर्स : स्कूल प्रशासन थर्ड जेंडर विद्यार्थियों को तीन व्यावसायिक कोर्सों में सामान्य विद्यार्थियों के साथ दाखिला लेगा, जिनमें छह महीने का टेलरिंग कोर्स, एक साल का फैशन डिजाइनिंग और एक साल का डिप्लोमा इन ऑफिसियल मैनेजमेंट कोर्स शामिल है।
वंचित वर्ग की लड़कियां भी कर रही हैं कोर्स : पिछले कुछ वर्षों से वंचित वर्ग की वैसी लड़कियां जो किसी कारणवश स्कूल छोड़ चुकी हैं, उनके लिए सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल ऑफिसियल मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है। डिप्लोमा विद्यार्थियों को कोर्स के बाद दो महीने की ट्रेनिंग मिलती है। प्रशिक्षण के बाद नि:शुल्क सिलाई मशीन दी जाती है। अब तक 100 से ज्यादा लड़कियां इसका लाभ उठा चुकी हैं।
हम सभी समान रूप से भगवान के बच्चे हैं : स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर मृदुला ने कहा कि इस तरह के शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से इस संदेश को स्कूल व बच्चों में फैलाना है कि थर्ड जेंडर भी समान रूप से भगवान के बच्चे होते हैं और सभी को समाज में समान रूप से स्वीकार करना चाहिए।
जमशेदपुर में 1800 थर्ड जेंडर हैं : शहर में करीब 1800 थर्ड जेंडर रहते हैं, लेकिन हिचकिचाहट के कारण केवल 200 की ही पहचान की जा सकी है। शहर की एक गैर-सरकारी संगठन थर्ड जेंडर शुभकामना फाउंडेशन की सचिव किन्नर संजना ने कहा कि इसका प्रमुख कारण है कि माता-पिता अपने थर्ड जेंडर बच्चों को सबके सामने नहीं लाना चाहते। उन्होंने बताया कि स्कूल का उनके लिए सकारात्मक दृष्टिकोण है और इस पहल से वे खुद को दोषी नहीं बल्कि सौभाग्यशाली मान रहे हैं।
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