Hindi NewsJharkhand NewsJamshedpur NewsFree Medical Tests for Over 100 000 Poor Patients in Government Hospitals After Hindustan s Initiative

हिन्दुस्तान ने दिलाया गरीब मरीजों को नि:शुल्क जांच का अधिकार, हर साल एक लाख होंगे लाभान्वित

हिन्दुस्तान के प्रयास के बाद एमजीएम अस्पताल और अन्य सरकारी अस्पतालों में एक लाख से अधिक गरीब मरीजों को नि:शुल्क जांच का अधिकार मिला। मरीजों को अब बिना जांच किए लौटना नहीं पड़ेगा। राशन कार्ड दिखाकर...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरFri, 17 Jan 2025 06:22 PM
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आपके प्रिय अखबार हिन्दुस्तान के प्रयास के बाद एमजीएम अस्पताल सहित जिले के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले करीब एक लाख से अधिक गरीब मरीजों को नि:शुल्क जांच का अधिकार मिल गया। अब इन गरीब मरीजों को बिना जांच अस्पताल से नहीं लौटना पड़ेगा। एमजीएम समेत सदर और अन्य सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले गरीब मरीजों को नि:शुल्क जांच की सुविधा देने का प्रावधान है। इसके लिए मरीजों को अस्पताल की पर्ची के साथ अपना राशन कार्ड दिखाना होता है।

एमजीएम में लाल, पीला, हरा कार्ड लेकर आने वाले मरीजों को तो जांच की सुविधा दी जाती थी, लेकिन जो मरीज उसकी फोटोकॉपी या आहार पोर्टल से प्रिंट निकालकर लाते थे, उन्हें उसपर अधिकारी का हस्ताक्षर नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया जाता था। कंप्यूटर से प्रिंट निकालकर लाने वालों को कहा जाता था कि वे लोग इसपर राशन विभाग के अधिकारी से हस्ताक्षर कराकर लाएं। लेकिन पोर्टल से निकलने के कारण उसपर हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं थी। ऐसे में उसपर अधिकारी हस्ताक्षर नहीं करते थे या हस्ताक्षर होता भी था तो मरीजों को राशन विभाग के अधिकारियों का काफी चक्कर लगाना होता था। ऐसे में अधिकतर मरीज बिना जांच कराए ही घर लौट जाते थे। इलाज नहीं होने के कारण उनकी बीमारी बढ़ती जाती थी। अस्पताल के उपाधीक्षक कहते थे कि पोर्टल से निकाला हुआ राशन कार्ड सही है या नहीं, इसलिए भी हस्ताक्षर कराकर लाने को कहा जाता था।

24 दिसंबर से हिन्दुस्तान ने चलाया अभियान

हिन्दुस्तान ने 24 दिसंबर को मरीजों को अधिकार दिलाने के लिए अभियान शुरू किया। इसके बाद 26, 27, 28 और 29 दिसंबर के अंक में इससे जुड़ी खबरें प्रकाशित कर मामले को जिला प्रशासन तक पहुंचाया। 30 दिसंबर को जिला प्रशासन ने बैठक कर एमजीएम अस्पताल को निर्देश जारी किया। इसके बाद मरीजों को मुफ्त जांच की सुविधा मिलने लगी। इसके लिए एक कंप्यूटर ऑपरेटर की अलग से एमजीएम में व्यवस्था कर दी गई है। 16 जनवरी को इस सुविधा का जायजा लिया गया तो पता चला कि मरीजों को नि:शुल्क जांच की सुविधा मिल रही है।

डीसी ने अस्पताल के अधिकारियों को बैठक बुलाकर दिया निर्देश, तब माने स्वास्थ्य अधिकारी

मरीजों की परेशानी देख हिन्दुस्तान ने अभियान चलाकर इसपर एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान और बाद में डीसी अनन्य मित्तल ने एमजीएम के अधीक्षक, दोनों उपाधीक्षक और सिविल सर्जन की बैठक बुलाई और निर्देशित किया कि जब सरकार मरीजों को मुफ्त जांच की सुविधा दे रही है तो उन्हें वंचित कैसे किया जा सकता है। ऐसे राशन कार्ड की जांच कराने की अस्पताल में तत्काल व्यवस्था की जाए और जिला का कोई भी मरीज अपने अधिकारों से वंचित न हो।

अस्पताल ने शुरू की राशन कार्ड जांच की सुविधा

उसी दिन अस्पताल प्रशासन ने इन मरीजों द्वारा लाए जाने वाले राशन कार्ड या पोर्टल से निकाले गए प्रिंटेड राशन कार्ड की एक कर्मचारी द्वारा कंप्यूटर से जांच की व्यवस्था शुरू कर दी। इसके बाद से अब गरीब मरीजों को वापस नहीं जाना पड़ता है। सिर्फ एमजीएम में करीब डेढ़ सौ गरीब मरीजों को रोज इन सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। इसके अलावा सदर सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में भी रोज करीब 150 से अधिक गरीब मरीजों को यह सुविधा मिल रही है। इस तरह जिले में रोज करीब तीन सौ से अधिक मरीजों को यह सुविधा मिलने लगी और एक साल में कुल ऐसे करीब एक लाख से मरीजों को यह लाभ मिलेगा।

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