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कोल्हान के एलीफेंट जोन में रेल लाइन के नीचे बनेगा सबवे

कोल्हान के एलीफेंट जोन में रेल लाइन के नीचे एक सबवे बनाने की योजना है, ताकि हाथी ट्रेनों की चपेट में आने से बच सकें। चक्रधरपुर मंडल रेलवे और वन विभाग की बैठक में हाथियों की सुरक्षा पर विचार किया गया।...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरSat, 19 Oct 2024 02:39 AM
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कोल्हान के एलीफेंट जोन में रेल लाइन के नीचे सबवे बनेगा, ताकि हाथी लाइन पर चढ़ने के बजाय सबवे के माध्यम आवाजाही कर सकें। हाथियों की सुरक्षा को लेकर चक्रधरपुर मंडल रेलवे एवं वन विभाग की बैठक में यह योजना बनी है। वहीं, हाथियों के लाइन के आसपास विचरण की सूचना वन विभाग से आदान-प्रदान करने पर सहमति बनी है। जबकि लोको पायलट को फिर से आदेश दिया गया कि एलीफेंट जोन (गोईलकेरा-मनोहरपुर, कोकपाड़ा-चाकुलिया एवं चांडिल-गुंडाविहार) में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ट्रेनों की स्पीड 50 किमी प्रति घंटा ही रखें, ताकि हाथी को देखकर तत्काल ट्रेन रोकी जा सके। मालूम हो कि हावड़ा-मुंबई मार्ग पर ट्रेनों की चपेट में आकर 2017 से अबतक 18 से ज्यादा हाथियों और उनके बच्चों की मौत हो चुकी है।

बताया जाता है कि लाइन के नीचे सबवे बनाने की योजना चक्रधरपुर मंडल में चार-पांच वर्ष पूर्व बनी थी, लेकिन लोको पायलट व रेलकर्मियों की सतर्कता से मंडल में हाथियों के ट्रेन की चपेट में आने की घटना कई महीने नहीं होने से सबवे पर काम नहीं हुआ। इधर, चक्रधरपुर मंडल रेलवे के सीनियर डीसीएम आदित्य चौधरी ने बताया कि वन विभाग से हाथियों की सुरक्षा पर कई मुद्दे पर वार्ता हुई है। इससे दोनों विभाग संयुक्त रूप से हाथियों की सुरक्षा पर काम करेंगे।

ये है कारण

चक्रधरपुर रेल मंडल में बंडामुंडा के पास 14 अक्तूबर की रात मालगाड़ी की चपेट में आकर हाथी के बच्चे की मौत हुई थी। इससे वन विभाग ने मालगाड़ी ड्यूटी टाटानगर के दोनों लोको पायलट मनोज कुमार और कविराज कुमार को गिरफ्तार कर लिया था। इसके खिलाफ सभी लॉबी में लोको पायलट धरना-प्रदर्शन करने लगे तो रेल अधिकारियों की पहल से 15 घंटे बाद लोको पायलट को बयान दर्ज करने के बाद वन विभाग ने छोड़ा।

हल्दीपोखर की लाइन पर आया था हाथी

टाटा-बादामपहाड़ मार्ग स्थित हल्दीपोखर स्टेशन की लाइन किनारे तीन हाथियों के घूमने की सूचना पर 10 दिन पहले रेलवे ने ट्रेनों की स्पीड कम कर दी थी। राखामाइंस के वनकर्मी ने रेलवे को पत्र देकर लाइन किनारे हाथियों के घूमने की जानकारी दी थी। वहीं, तेज आवाज में इंजन से हॉर्न बजाने का सुझाव दिया था, ताकि ट्रेन आने पर हॉर्न के आवाज से हाथी लाइन से दूर चले जाएं।

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