23 को देर शाम आएगा चुनाव का रिजल्ट

23 दिसंबर को विधान सभा चुनाव का परिणाम आते-आते अंधेरा छा जाएगा। आम तौर पर इवीएम से मतगणना में जल्दी परिणाम की उम्मीद होती है। परंतु इसकी कागजी प्रक्रिया पूरी होते-होते तीन से साढ़े तीन बज जाएंगे।...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरSat, 14 Dec 2019 05:28 PM
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23 दिसंबर को विधानसभा चुनाव का परिणाम आते-आते अंधेरा छा जाएगा। आम तौर पर इवीएम से मतगणना में जल्दी परिणाम की उम्मीद होती है। परंतु इसकी कागजी प्रक्रिया पूरी होते-होते तीन से साढ़े तीन बज जाएंगे। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने बताया कि हमारा अनुमान है कि इवीएम में पड़े वोटों की गिनती में इतना वक्त तो लग ही जाएगा।

उन्होंने बताया कि इसके बाद हर विधान सभा क्षेत्र के पांच-पांच वीवीपैट में जमा पर्चियों की गिनती होगी। किस-किस वीवीपैट की पर्चियों की गिनती होगी इसका चयन लॉटरी की तरह होगा। इन पर्चियों को गिनने में करीब दो घंटे लगने का अनुमान है। इस प्रकार मतगणना समाप्ति और जीतने वाले उम्मीदवार की घोषणा होते-होते अंधेरा हो जाएगा, क्योंकि आजकल 5 बजे से ही अंधेरा छाने लगता है। लोक सभा चुनाव में तो प्रमाणपत्र सौंपते-सौंपते रात के 9 बज गए थे।

पश्चिम व जुगसलाई के लिए दो नए प्रेक्षक आएंगे

पूर्वी सिंहभूम जिले के हर विधान सभा क्षेत्र के लिए मतगणना के समय अलग-अलग प्रेक्षक रहेंगे। जमशेदपुर पश्चिम के लिए निर्वाचन आयोग के सचिव बीसी पात्रा और जुगसलाई के लिए श्री गवड़े प्रेक्षक नियुक्त किए गए हैं। यह जानकारी उपायुक्त ने शुक्रवार को दी। उन्होंने बताया कि जमशेदपुर पूर्वी विधान सभा क्षेत्र के प्रेक्षक पार्थसारथी सेन शर्मा रहेंगे। पहले वे जमशेदपुर पश्चिम के भी प्रेक्षक थे। इसी प्रकार जुगसलाई और पोटका दोनों के प्रेक्षक पहले ई. सरावनवेलराज थे।

22 को तय होगा मतगणना का विस क्षेत्र

मतगणना कर्मियों का दूसरा रेंडमाइजेशन 22 दिसंबर की सुबह 10 बजे होगा। उपायुक्त ने यह जानकारी दी। उस कंप्यूटराइज रेंडमाइजेशन के माध्यम से मतगणना कर्मियों का विधान सभा क्षेत्र तय होगा। मतगणना की सुबह 23 दिसंबर की सुबह अंतिम रेंडमाइजेशन होगा जिसमें उनका टेबुल नंबर तय होगा कि कौन काउंटिंग सहायक, सुपरवाइजर व माइक्रो ऑब्जर्वर किस टेबुल पर वोटों की गिनती में शामिल होगा।

सभी आरओ के लिए टेबुल पर रहेगा टेलीफोन

जिले के सभी छह विधान सभा क्षेत्र के निर्वाची पदाधिकारी (आरओ) के टेबुल पर टेलीफोन लगाया जाएगा। वहां मोबाइल रखने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि आरओ के लिए मोबाइल रखने की छूट का अनुरोध जिला प्रशासन निर्वाचन आयोग से करेगा। मीडिया सेंटर में भी टेलीफोन लगाया जाएगा।

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