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एमजीएम कर्मचारियों की कमी से दस ऑपरेशन टले

चुनावी ड्यूटी के कारण एमजीएम अस्पताल में कई ऑपरेशन टल गए हैं। करीब 10 ऑपरेशन नहीं हो सके, जबकि ओपीडी में भी स्टाफ की कमी से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। डॉक्टरों की व्यस्तता और कर्मचारियों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरWed, 13 Nov 2024 05:00 PM
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चुनावी ड्यूटी में तृतीय और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लगाए जाने के कारण एमजीएम अस्पताल में मंगलवार को मरीजों के करीब 10 ऑपरेशन टल गए, वहीं ओपीडी में स्टाफ नहीं रहने के कारण मरीजों को परेशानी हुई। ईएनटी विभाग में एक बड़ा और तीन-चार छोटे ऑपरेशन हुए। शेष तीन-चार ऑपरेशन टालने पड़े। विभाग के डॉ. रोहित ने बताया कि एक कर्मचारी की ऑक्सीजन सप्लाई में कार्यरत थे, जिनकी जगह एक नर्स को लगाया गया। कर्मचारियों के नहीं होने से थोड़ी परेशानी तो हुई। वहीं, सर्जरी विभाग में भी तीन-चार बड़े और तीन-चार छोटी सर्जरी हुई। लेकिन चार-पांच ऑपरेशन को टाल देना पड़ा। वहीं, ऑर्थोपेडिक विभाग में भी ऑपरेशन टालने पड़े। करीब दस ऑपरेशन नहीं हुआ। इन ऑपरेशन के टालने का बड़ा कारण यह भी रहा कि एमबीबीएस के छात्रों की परीक्षा चल रही है, जिसमें डॉक्टर व्यस्त हैं।

एमजीएम अस्पताल के तृतीय और चतुर्थ वर्गीय 90 कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी में लगाया गया है। ज्यादातर ऑफिस में कार्यरत कर्मचारी हैं। वहीं, शेष चतुर्थ वर्ग के महिला-पुरुष कर्मचारी हैं। इनमें से कई कर्मचारी ओपीडी और ऑपरेशन थिएटर में भी कार्यरत हैं।

ओपीडी में भी परेशानी

ओपीडी में इलाज के लिए जो कर्मचारी मरीजों की पर्ची बनाते हैं, उनलोगों की भी ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई है। इसके कारण कुछ जूनियर डॉक्टर या नर्स को बुलाकर काम कराया गया। ऐसे में मरीजों को परेशानी हुई और कतार में ज्यादा देर रहना पड़ा।

प्रमाणपत्र बनवाने वाले लौटे मरीज

एमजीएम में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने वाले विभाग में तीन लोग कार्यरत हैं, लेकिन दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। वहीं, एक कर्मचारी से विभाग चल रहा था। रोज वहां करीब 50 से अधिक लोग आते हैं। मंगलवार को भी 50 लोग प्रमाणपत्र बनवाने आए, लेकिन 20 का ही काम हुआ। शेष लोगों को शनिवार या सोमवार से बुलाया गया। बताया गया कि एक कर्मचारी से आवेदन लेना, उसे कंप्यूटर में दर्ज करना और प्रमाणपत्र बनाने का काम नहीं हो सकता है। दाईगुट्टू से आए इकबाल ने बताया कि बच्चे के नामांकन के लिए प्रमाणपत्र बनवाना है, दो महीने से आवेदन दिया है। दो बार लौट चुके हैं। मंगलवार को फिर लौटना पड़ा। उनके साथ कई अन्य लोग इसी कारण पहुंचे थे, जिन्हें लौटा दिया गया।

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