श्रीकृष्ण की बाल लीला की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु
गोलमुरी के गाढ़ाबासा कम्युनिटी सेंटर में भागवत कथा के पांचवे दिन आचार्य आशुतोष तिवारी ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला, महारास लीला और उद्धव चरित्र का वर्णन किया। श्रद्धालु भाव विभोर हुए और पूजा-अर्चना...
गोलमुरी के टुइलाडुंगरी स्थित गाढ़ाबासा कम्युनिटी सेंटर में चल रहे भागवत कथा के पांचवें दिन सोमवार को व्यास पीठ से कथावाचक आचार्य आशुतोष तिवारी शांडिल्य जी महराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला, महारास लीला, उद्धव चरित्र प्रसंग की कथा का सुंदर वर्णन किया। श्रीकृष्ण की बाल लीला सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। पहले वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ पुरोहित शुभेन्द्र शास्त्री और सोनु पंडित ने पूजा-अर्चना कराई। यजमान समिति की अध्यक्ष पुष्पा सिंह ने पूजा की। भक्त भगवान सेवा समिति की ओर से आयोजित भागवत कथा का वाचन करते हुए महाराज ने कहा कि भगवान कृष्ण के जन्म के बाद कंस ने उन्हें मारने के लिए राक्षसी पूतना को भेजा। पूतना भगवान श्रीकृष्ण को जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण उसे मौत के घाट उतार देते हैं।
महाराज जी ने कहा कि कार्तिक माह में ब्रजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए पूजा की तैयारी करते हैं। भगवान कृष्ण इंद्र की पूजा करने से मना करते हैं और गोवर्धन महाराज की पूजा की बात कहते हैं। इस पर इंद्र भगवान क्रोधित हो जाते हैं और भारी वर्षा करने लगते हैं। यह देख ब्रजवासी भयभीत हो जाते हैं। भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को कनिष्ठ अंगूली पर उठाकर पूरे नगरवासियों को पर्वत को नीचे बुला लेते हैं। इसके बाद इंद्र वर्षा करना बंद कर देते हैं। कथा के दौरान भगवान को छप्पन भोग लगाए गए। श्री गोवर्धन महान, तेरे माथे मुकुट विराज रहे... भजन सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। कथावाचक ने भगवान कृष्ण और उद्धव के सुंदर प्रसंग का भी वर्णन किया।
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