अध्यक्ष और महामंत्री के डिवीजन से नामांकन करने वालों को रोका
टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन चुनाव में विवाद के बीच 128 नामांकन पत्र जमा हुए, जबकि 9 प्रत्याशियों को नामांकन से रोका गया। चुनाव अधिकारी ने कहा कि कुछ लोग समय खत्म होने के कारण नामांकन नहीं कर सके।...
टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन चुनाव में विवादों के बीच शुक्रवार को अंतिम दिन 128 नामांकन पत्र जमा हुए, जबकि 9 प्रत्याशियों को नामांकन पत्र जमा करने से रोक दिया गया। इनमें अध्यक्ष और महामंत्री के खिलाफ नामांकन करने वाले प्रत्याशी भी शामिल हैं। इससे अंतिम दिन विवाद हो गया। शुक्रवार को नामांकन पत्रों को जमा करने की अंतिम तिथि थी। सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक नामांकन पत्र जमा करना था। उल्लेखनीय है कि कुल 137 कर्मचारियों ने गुरुवार को नामांकन पत्र खरीदा था। प्रति फॉर्म 2500 रुपये शुल्क तय था। विवाद को लेकर कर्मचारियों ने बताया कि कई प्रत्याशियों को फॉर्म जमा करने से रोक दिया गया। इनमें वर्ल्ड ट्रक से 3, प्लांट-1 से 1 फाउंड्री से 1, एक्सल डिवीजन से भी 1 तथा गियर बॉक्स डिवीजन के गियर बॉक्स सॉफ्ट डिवीजन तथा गियर बॉक्स हार्ड डिवीजन से भी 1-1 कर्मचारियों को नामांकन करने से रोका गया। बताया जाता है कि फाउंड्री डिवीजन से यूनियन अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते तथा एक्सल डिवीजन से महामंत्री आरके सिंह प्रत्याशी हैं। यूनियन से विवाद पर कहा कि समय खत्म होने के कारण कुछलोगों का नामांकन पत्र जमा नहीं हो सका। इस मुद्दे पर चुनाव पदाधिकारी चिदानंद खंडाई से भी फोन पर पक्ष लेने का प्रयास किया गया, पर संपर्क नहीं हो सका।
25 को मतपत्र का नमूना दिखाया जाएगा
चुनाव पदाधिकारी ने सूचना पट्ट पर नोटिस चिपकाकर कहा कि 25 नवंबर की सुबह 11 बजे से 3 बजे तक मतपत्र के नमूने का अवलोकन कार्यक्रम केंद्रीय संचालक कार्यालय में किया जाएगा। यह सुविधा सभी प्रत्याशियों के लिए उपलब्ध रहेगी।
ई सतीश कुमार बने पर्यवेक्षक
टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन चुनाव के लिए इंटक की ओर से टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व कमेटी मेंबर ई सतीश कुमार को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। इस संबंध में शुक्रवार को इंटक के केंद्रीय सचिव रघुनाथ पांडेय ने नोटिस जारी किया।
विपक्ष ने खोला मोर्चा
टेल्को वर्कर्स यूनियन के महासचिव प्रकाश कुमार, उपाध्यक्ष आकाश दुबे तथा हर्षबर्धन ने कहा कि फर्जी यूनियन द्वारा चुनाव कराया जा रहा है। भय और दबाव बनाया जा रहा है। फर्जी यूनियन के पास टाटा मोटर्स के मजदूरों के प्रतिनिधित्व का कानूनी अधिकार नहीं है। कोर्ट के आदेश के बाद डीसी और एसएसपी की देखरेख में चुनाव होगा और मजदूर अच्छा परिणाम देंगे।
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