डिग्री कॉलेजों में नए सत्र से कम की जाएंगीं इंटर की सीटें
विश्वविद्यालय के अंगीभूत डिग्री कॉलेजों में इंटर के नए सत्र में नामांकन को लेकर असमंजस बना हुआ है। उच्च शिक्षा विभाग ने 2025 तक सशर्त मोहलत दी है, लेकिन सीटों की संख्या हर साल कम होती जा रही है। इस...

विश्वविद्यालय के अंगीभूत डिग्री कॉलेजों में नए सत्र से इंटर में नामांकन होगा या नहीं इसे लेकर ऊहापोह की स्थिति है। हालांकि, उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सात जुलाई 2023 को जारी आदेश में डिग्री कॉलेजों को इंटर की पढ़ाई जारी रखने के लिए 2025 तक की सशर्त मोहलत दी थी। महाविद्यालयों को कहा गया था कि वे इंटर में दाख़िला तो ले सकते हैं, लेकिन हर सत्र में सीटों की संख्या कम होती चली जाएगी। पिछले साल 2024 में सीटें घटाकर नामांकन लिए गए थे। इस वर्ष भी नामांकन की तैयारियां शुरू है। 2024 के मुक़ाबले एक बार फिर सीटों की संख्या घटाए जाने की आशंका है। हालांकि, विभाग की ओर से दोबारा कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया गया है।
राज्य के इंटरमीडिएट कॉलेजों में पिछले साल सीटें घटाई गई थी। इसके तहत 2024 में स्थापना अनुमति प्राप्त इंटर कॉलेजों में हर संकाय में 128, स्थायी प्रस्वीकृत इंटर कॉलेजों में प्रत्येक संकाय में 384, डिग्री सम्बद्ध कॉलेजों में हर संकाय में 256 और अंगीभूत महाविद्यालयों में हर संकाय में 384 नामांकन लिए गए थे। झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने 2024-26 के शैक्षणिक सत्र में इसे लागू करने का निर्देश दिया था, जबकि इससे पहले इंटर में हर संकाय में 542 विद्यार्थियों का नामांकन होता था।
जैक ने स्पष्ट किया था कि इंटर की पढ़ाई अगले तीन सत्रों में समाप्त की जानी है। इसी दिशा में हर साल सीटे कम की जानी है। इस निर्णय का पिछले साल जोरदार विरोध भी हुआ, लेकिन आदेश बरकरार रहा। इस साल हर संकाय में 384 की जगह 100 सीटें घटाकर नामांकन लेने की तैयारी है। ताकि, अधिक से अधीन विद्यार्थी कॉलेजों की जगह प्लस टू स्कूलों में नामांकन लें।
स्कूलों में 5 3 3 4 के फार्मूले को लागू करने की तैयारी
अबतक स्कूली पाठ्यक्रम 10 2 के हिसाब से चलता है, लेकिन अब स्कूलों में 5 3 3 4 की स्कूली शिक्षा व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। इसका अर्थ है कि अब स्कूली शिक्षा में प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा (पांच साल), फिर तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा (तीन साल), छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा (तीन साल) और नौंवी से 12वीं तक (चार साल) आखिरी हिस्सा होगा। पहले तीन साल बच्चे आंगनबाड़ी में प्री-स्कूलिंग शिक्षा लेंगे, फिर अगले 2 साल कक्षा 1 एवं 2 में पढ़ेंगे। इस प्रकार पढ़ाई के पहले पांच साल का चरण पूरा होगा। इसके बाद कक्षा 3 से 5 तक की पढ़ाई होगी, जो तीन साल की होगी। इसके उपरांत कक्षा 6-8 की कक्षाओं की पढ़ाई होगी। यह भी तीन साल की होगी और अंततः क्लास 9 से 12 की पढ़ाई होगी, जो चार साल की होगी। इस तरह से नई शिक्षा नीति में 5 3 3 4 सिस्टम लागू होगा। इसलिए इंटर की पढ़ाई स्कूल में ही होगी न कि दूसरे कॉलेज में।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।