स्कूलों में बैगलेस डे पर माली और कारपेंटर देंगे बच्चों को प्रशिक्षण
नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में बैगलेस डे की शुरुआत की गई है, जिसमें छात्रों को घरेलू कौशल सिखाए जाएंगे। इस दिन छात्रों को बिना बस्ते के कक्षा में आना है और उन्हें बागवानी, हेयर स्टाइलिंग, स्किन...
नई शिक्षा नीति ने स्कूली शिक्षा में कई व्यापक बदलाव लाया है। अब स्कूलों में घरेलू कौशल सिखाने की कवायद भी की जा रही है। इसके लिए स्कूलों में बैगलेस डे की नई परंपरा शुरू की गई है। इसके तहत बैगलेस डे के दिन बिना स्कूली बस्ते के कक्षा पहुंचना है और उस दिन घरेलू कौशल, यानी ऐसा काम सीखाया जाएगा जो रोजमर्रा के दिनों में किया जाता है। मसलन, बागवानी, हेयर स्टायलिंग, स्कीन केयर, कारपेंटरी आदि। इसके लिए बाकायदा इन कौशल के प्रोफेशनल बच्चों को प्रशिक्षण देंगे। स्कूल के माली बच्चों को बागवानी का प्रशिक्षण देंगे जमशेदपुर के अधिकतर स्कूलों में नई शिक्षा नीति लागू करने के साथ ही बैगलेस डे की शुरुआत कर दी गई है। पूरे सत्र में विद्यार्थियों को 10 बैगलेस डे उपलब्ध होंगे, जिसमें उन्हें कौशल सिखाया जाएगा। हाल ही में बैगलेस डे के तहत गुलमोहर स्कूल टेल्को में विद्यार्थियों को हेयर स्टाइलिंग एंड स्कीन केयर का प्रशिक्षण दिया गया। गुलमोहर स्कूल की प्राचार्या प्रीति सिन्हा ने बताया कि स्कूल में बैगलेस डे पर बच्चों को बाल बनाना यानी हेयर स्टाइलिंग की जानकारी दी गई तो वहीं इस बात का भी प्रशिक्षण दिया गया कि वे स्कीन केयर कैसे कर सकती हैं। बच्चों को इसकी आधारभूत जानकारी दी गई।
इंटरनल अंक मिलेंगे : स्कूलों में बैगलेस डे के तहत इसी की तरह भविष्य में माली भी गार्डेनिंग यानी फूलों की बागवानी करने की जानकारी देंगे तो वहीं कारपेंटर जरूरी फर्नीचर की मरम्मत की जानकारी देंगे। बताते चलें कि बैगलेस डे की परंपरा नई शिक्षा नीति के तहत शुरू की गई है, जिसके तहत कक्षा छह से आठवीं तक के विद्यार्थियों को स्कूलों में घरेलू कामकाज की चीजें सिखाई जानी है। बैगलेस डे में शामिल होने के भी विद्यार्थियों को इंटरनल अंक प्रदान किए जाएंगे।
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