आनंद मार्ग ने पटमदा के रंगाटांड़ में 300 जरूरमंदों को भोजन कराया
जमशेदपुर में आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ने पटमदा के रंगाटांड़ में 300 जरूरतमंदों को भोजन कराया और 200 फलदार पौधे वितरित किए। आचार्य मानवमित्र आनंद अवधूत ने भक्ति भाव और कीर्तन के महत्व पर प्रकाश...
जमशेदपुर।आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल की ओर से पटमदा के रंगाटांड़ में घूम-घूमकर 300 जरूरतमंदों को भोजन कराया एवं 200 फलदार पौधे का वितरण किया। इसके पश्चात गांव के लोगों को भक्ति भाव के विषय में बताते हुए आचार्य मानवमित्र आनंद अवधूत ने कहा कि हरि का कीर्तन करने से कार्य की तामसिकता कम हो जाती है, इसलिए कोई भी काम में जाने से पहले 5 मिनट कीर्तन करके जाएं। अनन्य भाव का कीर्तन है बाबा नाम केवलम्। कीर्तन एक उच्चतम और श्रेष्ठतम भावनात्मक अभ्यास है, जो हमें अशांति, तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाता है। कीर्तन हमें ईश्वर के साथ गहरे संबंध बनाने और अपने आन्तरिक शक्ति को प्रकट करने में सहायता करता है कीर्तन द्वारा हम संकल्पना शक्ति, विचारशक्ति और कार्यशक्ति को जागृत करते हैं, जो हमें सफलता, आनंद और समृद्धि की ओर अग्रसर करते हैं। ईश्वर की प्राप्ति के सुगम साधन कीर्तन है। कीर्तन, भक्ति और ध्यान का अद्वितीय माध्यम है, जिसके माध्यम से एक व्यक्ति ईश्वर के साथ गहरा संवाद स्थापित कर सकता है। उन्होंने बताया कि कीर्तन की शक्ति व्यक्ति को अविरल ध्यान, स्थिरता और आनंद की अनुभूति देती है। यह एक अद्वितीय विधि है, जो हमें मन, शरीर और आत्मा के संगम के अनुभव को आदर्श दर्शाती है।
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