इस औद्योगिक नगरी में बीएमडब्ल्यू से ज्यादा है एंबुलेंस का किराया
जमशेदपुर में एंबुलेंस का सफर बीएमडब्लू के सफर से भी महंगा है। बीएमडब्ल्यू को यदि किराए पर सफर के लिए प्रतिकिलोमीटर की दर से लिया जाए तो औसतन 30 से 40 रुपये प्रति किलोमीटर किराया पड़ता है। शहर में यदि...
जमशेदपुर में एंबुलेंस का सफर बीएमडब्लू के सफर से भी महंगा है। बीएमडब्ल्यू को यदि किराए पर सफर के लिए प्रतिकिलोमीटर की दर से लिया जाए तो औसतन 30 से 40 रुपये प्रति किलोमीटर किराया पड़ता है। शहर में यदि एंबुलेंस से सफर करना है तो उसमें प्रति किलोमीटर 60 रुपये तक देने पड़ते हैं।इतना ही नहीं, जो एंबुलेंस एनजीओ को सेवाओं के लिए दी गई है, उससे भी व्यवसाय कराया जा रहा है। एनजीओ को दी गई सरकारी एंबुलेंस के साथ एक रियायत दी गयी है कि उसके रख-रखाव और चालक के वेतन के लिए एंबुलेंस बुक करने वाले से रियायत में रकम ली जा सकती है। लेकिन, उस एंबुलेंस को बुक करने में कहीं से रियायत नहीं बरती जाती। मनमाना किराया मांगा जाता है।धतकीडीह तारापोर स्कूल के सामने ठीक इसी तरह से दो एंबुलेंस खड़ी मिलने पर जब दर के बारे में बात की तो सिर्फ चांडिल तक ले जाने का किराया 2500 रुपये बताया गया, जो महज 30 किलोमीटर है। पांच से सात किलोमीटर के लिए यदि 500 रुपये तक का भी किराया दिया जाता है तो उसमें भी चालक नाक-भौं सिकोड़ने लगते हैं या फिर कोई न कोई बहाना ढूंढते रहते हैं। भाड़ा निर्धारित नहीं : चाहे बात बीमार को अस्पताल पहुंचाने की हो या फिर शव को ले जाने की, शहर में एंबुलेंस का कोई भाड़ा निर्धारित नहीं है। वर्तमान में शहर में लगभग 300 निजी एंबुलेंस हैं, लेकिन कभी भी इसके मानक की जांच नहीं की गयी। एंबुलेंस लेना है तो एक चैनल से होकर जाना पड़ता है। उस चैनल में एंबुलेंस मालिक, नर्स और डाक्टर भी हैं। किसी भी मरीज को लेकर शहर से बाहर जाना है तो आईसीयू या सीसीयू एंबुलेंस तक उपलब्ध करायी जाती है।
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