2005 से लीज तय हो तभी लाभान्वित होंगे बस्ती के लोग: सरयू
राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर की बस्तियों में रहने वाले लोगों को तभी लाभ मिलेगा, जब लीज देने की कटऑफ तिथि 2005 से तय...
राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर की बस्तियों में रहने वाले लोगों को तभी लाभ मिलेगा, जब लीज देने की कटऑफ तिथि 2005 से तय होगी। राय रविवार को गोपाल मैदान में आयोजित स्वदेशी मेला के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि छियासी बस्ती के लोग मालिकाना हक की लड़ाई लड़ रहे थे। मालिकाना हक देने के लिए शहर की छियासी बस्तियों को 2005 में टाटा लीज से अलग किया गया था, ताकि हक दिया जा सके। सरकार को चाहिए था कि बस्ती में रहने वाले लोगों को सीधे तौर पर वसीयत लिखकर दे देना चाहिए। लीज किसी बस्ती को नहीं, बल्कि 1985 के पहले से राज्य में कहीं भी सरकारी जमीन पर रहने वाले लोगों को जमीन लीज पर दी जाएगी। यह पहले भी होता रहा है। हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर बसने वालों को नियमित किया जाता रहा है। लीज लोगों को मिलेगा, न कि बस्तियों को। अधिकतर बस्तियों में ज्यादातर लोग 1985 के बाद बसे हैं, वे सभी वंचित हो जाएंगे। 2008 में मालिकाना विधेयक का प्रस्ताव दिया था मंत्री सरयू राय ने कहा कि उन्होंने 2008 में मालिकाना विधेयक लाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन समर्थन के अभाव में बहस नहीं हो सकी थी। सरकार को चाहिए कि विधेयक लाकर बस्ती के लोगों को सहूलियत दिलाए।
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