हजारीबाग में 535 से अधिक चापाकल बेकार, गर्मी में बढ़ेगी परेशानी
हजारीबाग जिले में पानी की समस्या इस गर्मी में भी बनी हुई है। 535 से अधिक चापाकल बंद हैं, जिससे ग्रामीणों को पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। विधायक प्रदीप जायसवाल ने सरकार से अधूरी जलापूर्ति...

हजारीबाग, वरीय संवाददाता। हजारीबाग जिले में पानी की समस्या का इस गर्मी में भी निदान नहीं होने के आसार है। यहां के 535 से अधिक चापाकल बंद हैं, जिससे हजारों ग्रामीणों को पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। हजारीबाग जलापूर्ति योजना,416.56 करोड़ की योजना अब भी अधूरी है। इस संबंध में रांची विधानसभा में हजारीबाग के सदर विधायक प्रदीप जायसवाल ने आवाज उठायी है। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में हजारीबाग सदर के विधायक प्रदीप प्रसाद ने राज्य में पेयजल संकट, खराब चापाकल और अधूरी जलापूर्ति योजनाओं को लेकर सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण हजारों परिवार पीने के पानी के लिए जूझ रहे हैं, लेकिन प्रशासन अब भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा। विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने स्वीकार किया कि झारखंड में कुल 1,81,823 चापाकल हैं, जिनमें से 40,376 खराब पड़े हैं। सरकार ने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 19,918 चापाकलों की मरम्मत की योजना बनाई गई है, लेकिन यह पूरी स्थिति के मुकाबले बहुत कम है। इस पर विधायक प्रदीप प्रसाद ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार को सभी खराब चापाकलों की मरम्मत सुनिश्चित करनी चाहिए और जिन इलाकों में पानी की उपलब्धता नहीं है, वहां नए चापाकलों और जलापूर्ति योजनाओं की व्यवस्था करनी चाहिए। हजारीबाग सदर क्षेत्र के लोगों को पर्याप्त और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए रु 416.56 करोड़ की लागत से बनाई गई जलापूर्ति योजना 2024 तक पूरी होनी थी, लेकिन यह आज भी अधूरी है। जलमग्न एक परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण में देरी। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण वन विभाग की एन ओ सी न मिलने के कारण रुका। एन एच ए आई से एन ओ सी न मिलने के कारण 11.35 किमी पाइपलाइन का कार्य ठप। डीवीसी से मंजूरी लंबित रहने के कारण इंटेक वैल का निर्माण अधर में। इस पर विधायक प्रदीप प्रसाद ने नाराजगी जताई और सरकार से जल्द से जल्द सभी लंबित कार्यों को पूरा करने की मांग की।
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