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बड़कागांव दस साल में नहीं बनी टंकी, योजना की लागत पांच से बढ़कर नौ करोड़ हुई

बड़कागांव में पेयजल की भारी कमी है। 5 करोड़ की योजना अब 9 करोड़ हो गई है, लेकिन काम अधूरा है। 84 गांवों में 628 जलमीनार और चापानल लगाए गए हैं, जिनमें से 200 खराब हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी...

Newswrap हिन्दुस्तान, हजारीबागTue, 13 May 2025 01:27 AM
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बड़कागांव दस साल में नहीं बनी टंकी, योजना की लागत पांच से बढ़कर नौ करोड़ हुई

बड़कागांव, प्रतिनिधि बड़कागांव में भी पेयजल के लिए मारामारी है। यहां योजना की दुगर्ति का अंदाजा इस बात से सहज लगाया जा सकता है कि टंकी का निर्माण का समय बढ़ रहा है 5 करोड़ की योजना का लागत बढ़कर नौ करोड़ हो गया है और काम पूरा नहीं हुआ है। प्रखंड में करोड़ों खर्च करने के बावजूद लोगों को पेयजल के लिए पानी के लिए तरस रहे हैं 1,85,000 हजार जनसंख्या वाला प्रखंड के 23 पंचायत अंतर्गत 84 गांव में 628 पीएचडी विभाग एवं 45, 15 वें वित्त विभाग से सोलर जलमीनार और 2000 हजार से अधिक चापानल लगाए गए हैं, जिसमें से 200 खराब चापानल हैं ।

ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधियो के द्वारा लगातार मिल रही शिकायत प्रखंड में सोलर जल मीनार योजना के नाम पर सिर्फ राशि की बंदरबांट की गई है । प्रखंड में लगाएं गए कुछ ही सोलर जलमीनार से पानी मिल रहे है। जबकि अधिकतर डेड हो चुके हैं। प्रखंड में 4 ग्रामीण पेयजल आपूर्ति पानी टंकी बनायी गयी है। जिसमें प्रखंड मुख्यालय स्थित ब्लॉक में 10 वर्ष पूर्व 5 करोड़ 34 लाख से शुरू हुआ जो बढ़कर 9 करोड़ हो गया जो आज भी अधूरा पड़ा हुआ है। नयाटांड़ पंचायत स्थित गवाट के पास 5 वर्ष पूर्व लगभग 7 करोड़ की लागत से पानी टंकी का निर्माण किया गया आज के दिनों में सिर्फ गांव का शोभा बढ़ा रही है । वहीं दो पानी टंकी एक जरजरा पंचायत एवं बुढ़वा महादेव स्थित पानी टंकी बनायी गयी है जो उपयोग में आ रही है। वही प्रखंड कार्यालय स्थित पानी टंकी एवं नयाटांड़ पानी टंकी बनाने में करोड़ों खर्च हो गए हैं। परंतु उससे लोगों को पानी नसीब नहीं हुआ । वहीं जल मीनार योजना भी ठीक से धरातल पर नहीं उतरी। कहीं नॉर्मल बोरिंग कर खाना पूर्ति की गयी तो कहीं पुराने चापानल में सोलर जलमीनार लगाकर सिर्फ सरकारी राशि की बंदरबांट की गयी। प्रखंड के तलश्वार पंचायत में स्थिति भयावह हो गई है। इस पंचायत में 70 मे से 45 सोलर जलमीनार लगाए गए है जिसमें 35 डेड है। महुगाई खुर्द पंचायत में प्रखंड के सबसे ज्यादा पानी का भयावह स्थिति है। 60में से 30 सोलर जलमीनार लगाए गए जिसमें 15 से 20 डेड है या अधिकतर से पानी ही नहीं निकल रहा है। महुगांई खुर्द पंचायत में प्रखंड के सबसे ज्यादा पानी का लेयर काफी नीचे चला गया है। जिसके कारण ज्यादातर चापानल में पानी सूख गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि महुगाई खुर्द पंचायत में डीप बोरिंग 500 से लेकर 800 गहराई करने के बाद पानी मिलता है। वहीं अधिकतर चापानल , सोलर जलमीनार डेड है। प्रखंड के बड़कागांव मध्य पंचायत के ठाकुर मोहल्ला, मुस्लिम मोहल्ला, राणा मोहल्ला, मिडिल स्कूल, राय मोहल्ला, डेली मार्केट, ठाकुर मोहल्ला मंदिर , वही पश्चिमी पंचायत के दोरहवा, केरीगड़ा, बड़कागांव चौक देवी मंडप, नापोखुर्द पंचायत के नापो खुर्द, इंदिरा, नापोकला , बड़कागांव पूर्वी पंचायत के ब्लॉक मोड, गुरु चट्टी, चौपदार बलिया पंचायत में 54 जल मीनार लगाए गए हैं जिसमें चौपदार बलिया गांव में 5 जल मीनार में दो में पानी है ही नहीं। बाकी 3 अधूरे हैं। हरली पंचायत के विवाह मंडप ,ललकी माटी, मुस्लिम मोहल्ला एवं सरोज के घर के पास, पेठिया बागी, पेठिया बागी, भुईया टोली, भुईया टोली एव भुईया टोली सहित आठ सोलर जलमीनर खराब है। किसी में पानी नहीं निकलता है। किसी में बोरिंग में पानी ही नहीं है। किसी में कनेक्शन लगा ही नहीं है। आगों पंचायत के चोराटोगरी उरेज कॉलोनी, देवगढ़ ,चरका पत्थर, उरेज ,पचंडा, झिकझोर, अंबा टोला, सिंगार सराय, सभी सोलर जलमीनार खराब है। लोगों को काफी परेशानियों का सामना उठाना पड़ रहा है। बड़कागांव प्रखंड में 628 जलापूर्ति विभाग द्वारा सोलर जलमीनर एवं 46,14 वे वित्त विभाग से की ओर से लगाया गया है।

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