विनोबा भावे यूनिवर्सिटी: झारखंड में उच्च शिक्षा का एक मजबूत आधार
विनोबा भावे यूनिवर्सिटी अपने स्थापना के 33 वर्षों में झारखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक मजबूत आधार के साथ एक गहरी पैठ जमाई है। जो नींव रखी
हजारीबाग, शिक्षा प्रतिनिधि। विनोबा भावे यूनिवर्सिटी अपने स्थापना के 33 वर्षों में झारखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक मजबूत आधार के साथ एक गहरी पैठ जमाई है। जो नींव रखी गई थी वह आज एक विशाल बट वृक्ष के रुप में आकार ले चुका है। लेकिन समस्याएं जब गहराने लगा तो इसके बोझ को कम करने के लिए कुछ क्षेत्रों को काटकर कोयलांचल विवि का निर्माण किया गया । बावजूद समस्याओं की फेहरिस्त कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसके पीछे कारण अनेक बताएं जाते है। कहा जाता है कि कुछ सरकार की उदासीनता और कुछ विवि की कार्यशैली है। लेकिन इन सबसे इत्तर विभावि ग्लोबल मैप पर अपने को स्थापित करने में कामयाब रहा। जिसके कारण इस विवि को प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) पूर्वत: रुसा के अंतर्गत समता, पहुंच और उत्कृष्टता के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहु-विषयी शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय (मल्टी डिसीप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी- मेरु) के तौर पर विकसित करने के लिए 99 करोड़ 79 लाख की राशि स्वीकृत हुई है ।
मौजूदा समय में इस विवि में 19 स्नातकोत्तर विभागों, 09 अंगीभूत , 03 अंगीभूत संस्कृत , 28 संबद्ध , 30 बीएड , दो विधि , दो अभियंत्रण , एक आयुर्वेदिक, एक मेडिकल, एक डेंटल तथा तीन होमियोपैथिक काॅलेज शामिल है। इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर में एमबीए, सीएनडी, बायोटेक्नोलॉजी, फिजियोथेरेपी, योग, एमएड, इंट्रीग्रेटेड बीएड, एमसीए, इंजीनियरिंग, लॉ आदि की भी पढ़ाई हो रही हैं। साइबर डिफेंस पाठ्यक्रम के प्रथम बैच के छात्रों का आन लाइन परीक्षा हो चूकी है। जिसमें कुल 65 छात्र छात्राएं नामांकित थे। दूसरे सत्र के लिए उक्त पाठ्यक्रम में नामांकन प्रक्रिया को शीघ्र शुरू होगी । मौजूदा सत्र 2022-26 से ही नयी शिक्षा नीति -2020 के आलोक में नये पाठ्यक्रम के साथ पढ़ाई शुरू करा दी गई है। झारखंड में नयी शिक्षा नीति -2020 के नये पाठ्यक्रम के साथ पढ़ाई शुरू कराने तथा पाठ्यक्रम जारी करने में विभावि अव्वल हैं। विवि का सबसे महत्त्वपूर्ण उपलब्धि वेस्ट मैनेजमेंट संयंत्र की तीन इकाइयाँ विश्वविद्यालय परिसर में होना हैं। कोविड काल में डिजिटल स्टुडियो के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षण की प्रक्रिया में गति लायी गयी थी । जिसके कारण यह विवि सत्र को नियमित रखने में कई बाधाओं के बावजूद अपने मिशन में सफल रहा।
कुछ ऐसे निर्णय विवि ने लिया जो काफी सराहा गया। जिसमें वृद्ध एवं दिव्यांग जनों के लिए विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार से परिसर के किसी भी भवन तक के लिए ई-रिक्शा सेवा का शुभारंभ किया गया । छात्रों की सुविधा के लिए कैफे का निर्माण किया गया। आनलाईन एडमिशन, परीक्षा फॉर्म भरने के साथ डिग्री अन्य प्रपत्र निकालने की सुविधा उपलब्ध कराएं जाने के अतिरिक्त पूरे परिसर को वाई-फाई से जोड़ कर महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। लेकिन मानवीय संसाधनों की कमी इसके विकास में ना सिर्फ बाधक बना हुआ है बल्कि समस्याओं का फेहरिस्त को लंबी कर रहा है।
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