Hindi NewsJharkhand NewsHazaribagh NewsTribute to Jyoti Basu on 17th Death Anniversary A Legacy of Leadership in Indian Communist Movement

ज्योति बसु की 17 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित

हजारीबाग में भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन के नेता ज्योति बसु की 17वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। सभा में जिला सचिव गणेश कुमार ने बसु के जीवन और उनके योगदान के बारे में बताया, जिसमें वे 23...

Newswrap हिन्दुस्तान, हजारीबागFri, 17 Jan 2025 05:32 PM
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हजारीबाग। भारतीय कम्युनिस्ट आंदोलन के पुरोधा ज्योति बसु की 17वीं पुण्यतिथि पर स्थानीय सीपीआईएम कार्यालय में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में जिला सचिव गणेश कुमार सीटू ने ज्योति बसु के जीवन पर प्रकाश डाला, जिन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा लोरेटो स्कूल, धर्मशाला से प्राप्त की और हिंदू कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। ज्योति बसु ने 1935 में कानून की शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड जाने के बाद ग्रेट ब्रिटेन कम्युनिस्ट पार्टी के संपर्क में आए और कांग्रेस पार्टी की चलने वाली आंदोलन में शामिल हुए। वह 1940 में भारत लौटे और बैरिस्टरी करने लगे। इसके बाद, वह सीपीआई के सदस्य बने और 1944 में रेलवे मजदूर यूनियन में काम करने लगे। ज्योति बसु ने 1946 में कोलकाता के रेलवे निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विधायक बन गए। वह 1964 में सीपीएम में शामिल हुए और पोलित ब्यूरो के सदस्य बनाए गए। इसके बाद, वह 1967 से 1972 तक पश्चिम बंगाल सरकार के उपमुख्यमंत्री रहे और 1977 से 2000 तक लगातार 23 वर्ष तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे।

ज्योति बसु के शासनकाल में जन वितरण प्रणाली और भूमि सुधार कानून को पश्चिम बंगाल में लागू किया गया। वह 1996 में संयुक्त मोर्चा सरकार में प्रधानमंत्री पद के लिए चुने गए थे, लेकिन उन्होंने केंद्रीय कमेटी के फैसले को मानते हुए प्रधानमंत्री बनने से इनकार कर दिया था। उनका निधन 17 जनवरी 2010 को हुआ था।

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