हादसे की सूचना के बाद गिधनियां गांव में पसरा मातम
विष्णुगढ़ में गुरुवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे में आदिवासी मजदूरों की जान चली गई। सभी मजदूर गोविन्दपुर पंचायत के गिधनियां गांव के निवासी थे। हादसे से गांव में मातम छा गया, खासकर मणि कुमारी और ललिता...

विष्णुगढ़, प्रतिनिधि। दारू के पिपचो में गुरुवार के तड़के हुए भीषण सड़क हादसे में सभी मजदूर विष्णुगढ़ प्रखंड मुख्यालय से करीब 7 किमी दक्षिण गोविन्दपुर पंचायत के गिधनियां गांव के रहने वाले हैं। सूदूरवर्ती घने जंगल के बीच बसे गांव के 18-20 घरों में 65-70 आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। हादसे के बाद जैसे हीं सूचना गांव पहुंची। पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। घायलों एवं मृतक के घरों में परिजनों की करूण चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया। गुरूवार को पूरे गांव में किसी के घर चूल्हा नहीं जला। हादसे में जान गंवाने वाली मणि कुमारी (16) पिता नयका मरांडी तथा ललिता कुमारी (15) पिता राजेश हांसदा के परिजनों का हादसे की सूचना के बाद रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मणि कुमारी की मां अपनी लाडली बेटी के गम में बेसुध हो रही थी। मणि के पिता कमाने के लिए सूरत गए हुए हैं। वहीं, ललिता की मां और दो छोटी बहनें की करूण चीत्कार से पूरे गांव में मातम पसरा रहा। घायलों में दशमी देवी, बहामुनी, नरेश, आरती देवी, सूरजमुनी देवी, संगीता कुमारी तथा चालक सहदेव मरांडी के घरों में भी परिजन रोते बिलखते एवं परेशान दिखे। ग्रामीणों ने बताया कि गांव की अधिकांश युवा कमाने के लिए बाहर हैं। वहीं, महिलाएं एवं किशोरियां बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के काम में जाती हैं। छत की ढलाई के लिए भी इन्हें मात्र 500 रुपये दिए जाते हैं। जब तक ढलाई का काम पूरा नहीं हो जाता इन्हें छुट्टी नहीं मिलती। इनसे लगातार 15-17 घंटे तक काम कराया जाता है। कड़कड़ाती धूप से लेकर देर रात तक छत ढ़लाई का काम करना होता है। ठेकेदार को इन पिछड़े एवं आदिवासी इलाके से सस्ते मजदूर मिल जाते है। मालवाहक पिकअप वैन के डाला में इन्हें ले जाया जाता है।
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