जेएससीसी सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर उग्र हुए छात्र, बल प्रयोग
उग्र छात्रों ने चलाए पत्थर पुलिस ने भांजी लाठियां, छोड़े आंसू गैस, दोनों पक्ष के दर्जनों लोग घायल, शहर में एहतियात के तौर पर निषेधाज्ञा लगायी गयी।
हजारीबाग, हिंदुस्तान टीम। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) सीजीएल परीक्षा के खिलाफ विद्यार्थियों ने मंगलवार को सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया। एनएच 33 जाम के दौरान उग्र विद्यार्थियों ने पथराव भी किया। इससे कई पुलिस कर्मी चोटिल हो गए हैं साथ ही कई पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। यातायात प्रभारी के वाहन के शीशा को उग्र विद्यार्थियों ने चूर चूर कर दिया। हंगामे के दौरान उग्र छात्रों के पत्थर से कई पुलिस कर्मी चोटिल हुए हैं। इधर पुलिस ने आंदोलन का नेतृत्व करने वाले नेताओं की भी पिटाई की है। साथ में आंसू गैस भी छोड़े। विदित हो कि हजारीबाग में मंगलवार को जेएससीसी सीजीएल परीक्षा और रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर जिले भर के छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। पूरे जिले बंद का आह्वान किया गया था। पूर्वाह्न में ही छात्र मटवारी गांधी मैदान में इकट्ठा हो गए। बाद में मटवारी कोर्रा में दुकानों को बंद कराने निकल पड़े। उसके बाद भारत माता चौक सैकड़ों विद्यार्थी जुलूस के रूप में भारत माता चौक पर पहुंच गए। उग्र छात्रों ने रांची पटना मार्ग एनएच 33 को जाम कर दिया। इससे सड़क पर बस और अन्य वाहनों की लंबी कतार खड़ी हो गई। उग्र छात्र सरकार विरोधी नारे भी लगाए। सड़क जाम करने के बाद आम लोगों की परेशानी बढ़ गई। विरोध कर रहे छात्र पर पुलिस पदाधिकारी के समझाने का कोई असर नहीं दिख रहा था। इसके बाद उग्र छात्र पुलिस से ही भिड़ गए। अधिकारियों का कहना है कि पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों ने आत्मरक्षा में लाठियां भांजी और भीड़ को हटाने आश्रु गैस का प्रयोग किया। तब छात्रों की भीड़ पीछे हटी। इधर छात्रों पर लाठी चार्ज को नेताओं ने गलत करार दिया है। छात्रों का कहना है कि पुलिस उनके साथ बर्बरता पर उतर आयी। इसलिए हंगामा बढ़ा। धीरे धीरे छात्रों का यह आंदोलन हिंसक हो गया। दोनों पक्ष के दर्जनों लोग घायल हो गए। आंदोलनकारी जेएससीसी सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी रोकने तथा पूर्व में जारी रिजल्ट को रद्द करने की मांग कर रहे थे। इस मांग को लेकर सैकड़ो की संख्या में छात्र सड़क पर उतर आए। इसकी शुरुआत मटवारी गांधी मैदान से हुई। विश्वविद्यालय कॉलेज और कोचिंग संस्थानों में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र मटवारी गांधी मैदान में इकट्ठा हुए। फिर जेएससीसी की कार्यशैली पर सवाल उठाते विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क पर निकल पड़े। इस दौरान सुरक्षा को लेकर बहुत साधारण इंतजाम किए गए थे। कहीं भी बैरिकेडिंग नहीं की गई थी। हालांकि कई जगह मजिस्टेट की तैनाती की गयी थी। छात्रों की भीड़ को देखते हुए एहतियात के तौर पर कोर्रा पुलिस की वाहन साथ-साथ चल रही थी। ताकि छात्रों का यह विरोध प्रदर्शन बिना नेतृत्व के आगे हिंसक नहीं हो जाए। इसलिए पुलिस हर चौक चौराहे पर कड़ी नजर गड़ाए हुई थी। जिला नियंत्रण कक्ष से शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे से छात्रों के विरोध प्रदर्शन की मॉनिटरिंग की जा रही थी।
झारखंड में किसी परीक्षा में नियुक्ति में हो रही है गड़बड़ी: छात्र नेता
इस दौरान आंदोलनकारी छात्रों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि पुलिस ने छात्रों की पिटाई की। आंसू गैस छोड़े। उनका करियर पर दावं पर लगा है। कोई देखने और सुनने वाला नहीं है। झारखंड में अमूमन सभी परीक्षाओं का यही हाल होता है। पहले परीक्षा होती है। कभी प्रश्न पत्र बिक जाता है। कभी लीक हो जाता है। ऐसी गड़बड़ियां सामने आती रहती है। बावजूद परीक्षा ले ली जाती है। इस कारण झारखंड में ज्यादातर नियुक्ति का मामला कोर्ट में पहुंच जाता है। नियुक्ति प्रक्रिया रद्द हो जाती है। वही दूसरे आंदोलनकारी छात्र ने कहा कि झारखंड के मूलवासियों और जनजातियों की नियुक्ति में घोर उपेक्षा की जा रही है। भ्रष्टाचार के कारण दूसरे राज्यों के युवा बहाल हो जा रहे हैं। झारखंड में सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं का रिजल्ट त्रुटिपूर्ण निकाला जाता है। दूसरे राज्यों के लोग अवैध तरीके से झारखंड में नौकरी करने में सफल हो जा रहे हैं। इसलिए झारखंड सरकार जेएससीसी सीजीएल परीक्षा को रद्द करें। साथ ही जितनी पूर्व में बहाली हुई है। उसकी नियुक्ति रद्द की जाए। साथ में जेएससीसी सीजीएल में हो रही धांधली पर विराम लगाया जाए।
विधानसभा सत्र को देखते हुए हजारीबाग सदर अनुमंडल में निषेधाज्ञा लागू
हजारीबाग वरीय संवाददाता
हजारीबाग में जेएससीसी सीजीएल परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों के आंदोलन के हिंसक होने के बाद सदर अनुमंडल क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है। सदर एसडीओ अशोक कुमार ने बताया कि विधानसभा सत्र को देखते हुए सदर अनुमंडल क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि छात्रों के आंदोलन में पुलिस ने पूरा संयम से काम लिया। सुबह से पुलिस आंदोलनकारियो के साथ लगी रही। रात में हिदायत दी गयी थी कि आंदोलन में किसी तरह का उपद्रव हुआ तो आंदोलनकारियों में सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। एनएच जाम किए जाने से बाहर से आने जाने वालों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही थी। वाहनों की लंबी कतार लग गयी थी। कई विद्यार्थी फंसे हुए थे। आंदोलकारियों से जाम हटाने की अपील की गयी। कई विद्यार्थी बात को समझ रहे थे। लेकिन कुछ नेता किस्म के लोग अड़े हुए थे। प्रशासन ने सभी हुड़दंग और तोड़फोड़ करने वालो को पहचान लिया है। सभी पर विधि व्यवस्था को हाथ में लेने के विरोध में केस किया जाएगा।
हजारीबाग बंद कराने सड़क पर उतर गए छात्र
जीपीएससी सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी में सुधार की मांग को लेकर मंगलवार को हजारीबाग बंद का आह्वान किया गया था। इसे देखते हुए पुलिस ने व्यापक तैयारी की थी। सुबह से शहर में कोई असर नहीं दिखा। अचानक 11 बजे के बाद लड़कों का हुजूम रोड पर नारेबाजी करते हुए आगे की ओर बढ़ गया। छात्र सरकार के विरोध में नारे लगा रहे थे। साथ ही दुकानों को खुला रखने वालो को हिदायत भी दे रहे थे। छात्रों की संख्या देखकर मटवारी और कोर्रा के दुकानदारों ने अपनी दुकाने बंद कर दी। बाद में छात्रों का समूह कोर्रा चौक पहुंच गया। वहां पर काफी देरतक सड़क जाम किया। इस बीच कई लोग जाम में फंसे रहे। इधर एक बजे के आसपास छात्रों का रेला एनएच 33 में भारत माता चौक पहुंच गया। छात्रों इस दौरान नारेबाजी की। साथ ही सरकार से परीक्षा में सुधार करने की अपील की। बाद में छात्र सड़क पर धरना पर बैठ गए। इधर करीब कुछ देर बाद सदर एसडीओ अशोक कुमार छात्रों से बात करने पहुंचे। लेकिन छात्र डीसी नैंसी सहाय को बुलाने की मांग पर अड़ गए। एसडीओ ने बतााय कि वार्ता सकारात्मक हो रही थी। कई छात्र लौट गए थे लेकिन कुछ जमे थे। उनसे भी वार्ता की गयी। सूचना के अनुसार कुछ छात्र अचानक उग्र हो गए। एसडीपीओ की गाड़ी और पुलिस की गाड़ी को निशाना करके पत्थर चलाने लगे। ऐसे में पुलिस ने आत्म रक्षार्थ उन्हें हटाया। एसडीओ के अनुसार पुलिस ने बल का प्रयोग नहीं किया है। वैसे मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़े। हजारीबाग बंद का मिश्रित असर रहा। स्कूल, कॉलेज, विवि में कक्षाएं चलती रही। सरकारी कार्यालय, कोर्ट, बैंक आदि खुले रहे। बाजार मे दुकान खुली रही। सड़कों पर वाहनों का आना-जाना अन्य जगहों पर लगा रहा।
सदर विधायक प्रदीप प्रसाद के अपील का नहीं पड़ा असर
छात्रों के विरोध प्रदर्शन की सूचना पाकर सदर विधायक प्रदीप प्रसाद अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। उन्होंने छात्र नेताओं को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि बच्चे बूढ़े और बीमार लोग सभी सड़क जाम में फंसे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के साथ छात्रों की समस्या पर बातचीत हुई है। लोगों की परेशानी को देखते हुए आप लोग सड़क जाम हटा लें। इस पर छात्र संघ के नेताओं ने कहा कि आप लिख कर दें कि छात्रों की समस्या का समाधान होगा। नहीं तो 15 दिसंबर को रांची से लौटकर घेराव करेंगे। सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा कि भाजपा के जितने विधायक हैं। सभी छात्रों के साथ हैं। इस दौरान एक आंदोलनकारी छात्र ने कहा कि झारखंड में अनुमन सभी परीक्षाओं का यही हाल होता है। पहले परीक्षा होती है। कभी प्रश्न पत्र बिक जाता है। कभी लीक हो जाता है। ऐसी गड़बड़ियां सामने आती रहती है। बावजूद परीक्षा ले लिया जाता है।इस कारण झारखंड में अधिकांश नियुक्ति का मामला कोर्ट में पहुंच जाता है। नियुक्ति प्रक्रिया रद्द हो जाती है। वही दुसरे आंदोलनकारी छात्र ने कहा कि झारखंड के मूलवासियों और जनजातियों की नियुक्ति में घोर उपेक्षा की जा रही है। भ्रष्टाचार के कारण दूसरे राज्यों के युवा बहाल हो जा रहे हैं। झारखंड में सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं का रिजल्ट त्रुटिपूर्ण निकली जा रही है। दूसरे राज्यों के लोग अवैध तरीके से झारखंड में नौकरी करने में सफल हो जा रहे हैं। इसलिए झारखंड सरकार जेपीएससी और सीजीएल परीक्षा को रद्द करें। साथ ही जितनी पूर्व में बहाली हुई है। उसकी नियुक्ति रद्द की जाए। साथ में जेपीएससी मे हो रही धांधली पर विराम लगाया जाए।
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