Hindi Newsझारखंड न्यूज़हजारीबागSilent roads in Gadokhar village on the second day of the incident

घटना के दूसरे दिन गदोखर गांव में पसरा रहा सन्नाटा सड़के

घटना के दूसरे दिन गदोखर गांव में दिन भर सन्नाटा पसरा रहा। जबकि गांव में नेता से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मृतक के परिजनों से मिलकर ढांढस देते नजर आए।...

Newswrap हिन्दुस्तान, हजारीबागWed, 24 March 2021 11:40 PM
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कटकमसांडी प्रतिनिधि

घटना के दूसरे दिन गदोखर गांव में दिन भर सन्नाटा पसरा रहा। जबकि गांव में नेता से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मृतक के परिजनों से मिलकर ढांढस देते नजर आए। ढांढस देने नेता एवं अन्य लोगों को देखकर मृतक के परिजन का आंसू आप से आप निकलने लगता। परिजन यह कहकर रोते रहे की अगर गांव और घर के पास पानी की मुकम्मल व्यवस्था होती तो डूबने वाले यह सभी बच्चे नहाने तालाब नहीं जाते। मृतका काजल की मां झालो देवी, जो साथ में कपड़ा धोने गई, वह अपनी बेटी को बचा नहीं पाने पर अफसोस व्यक्त करते कहती है कि इससे अच्छा होता कि हम भी इन सभी के साथ चली जाती। हालांकि झालो देवी भी डूबते हुए बच्चों को बचाने के दौरान डूब गई थी, लेकिन गांव के ही कुछ युवक उन्हें बाहर निकालकर बचाया। झालो देवी की तीन लड़की और एक में काजल सबसे छोटी बेटी थी। झालो के पति राम कुमार पासवान गाड़ी पेंटिंग का काम करते हैं। वहीं दुर्गा कुमारी माता स्वाति देवी और पिता संजय पासवान जो पेसे से मजदूरी का काम करते हैं, वह मंझली बेटी के चले जाने पर अफसोस व्यक्त करते हुए कहते हैं कि बहुत संयोग था कि तीन पुत्री के साथ एकलौता पुत्र था। वहीं निकिता कुमारी की मां रेनू देवी जो पति की मौत के बाद हजारीबाग में मजदूरी का काम करती है, वह अपने परिश्रम से चार बच्चों का लालन-पालन कर रही थी। निकिता तीन भाइयों में एकलौती बहन थी। उसने यह भी बताया कि रितिका मेरे जीवन में बहुत ही बहुमूल्य थी क्योंकि वह काम पर जाने के पहले खाना बना कर देती थी। निकिता के तीन भाई भी काफी मायूस हैं और किसी के आने जाने पर वह जोर जोर से रोने लगते हैं। रिशु पासवान और रिया कुमारी जो दोनों सगी भाई बहन हैं, उनकी मां पिंकी देवी पिता रंजीत पासवान रह रहकर बेहोश हो जा रहे हैं और सब कुछ खो जाने की बात कह रहे हैं। रंजीत मजदूरी का काम करते हैं। वहीं उनकी पत्नी पिंकी देवी एक प्राईवेट हॉस्पिटल में फोर्थ ग्रेड में काम करती है। गांव के ही लोग बताते हैं कि दोनों बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए यह दंपति दिन रात मेहनत कर रहे थे। परिवार वालों ने दोनों बच्चों पर खूब उम्मीद पाल रखी थी, लेकिन दुर्भाग्य रहा कि अपने दोनों होनहार बच्चों ने उनका साथ छोड़ दिया।

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