Hindi NewsJharkhand NewsHazaribagh NewsSeminar on Hazaribagh s Heritage Held at Maulana Abul Kalam Azad Indoor Stadium

हजारीबाग की विरासत को नए सिरे से संभालना जरूरी: बुलू इमाम

हजारीबाग में मौलाना अबुल कलाम आजाद इनडोर स्टेडियम में हजारीबाग की विरासत पर आधारित सेमिनार का आयोजन किया गया। उपायुक्त नैंसी सहाय ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और हजारीबाग की पुरानी ऐतिहासिक विरासत पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, हजारीबागSat, 1 Feb 2025 01:23 AM
share Share
Follow Us on
हजारीबाग की विरासत को नए सिरे से संभालना जरूरी: बुलू इमाम

हजारीबाग वरीय संवाददाता जिला जनसंपर्क कार्यालय की ओर से शुक्रवार को मौलाना अबुल कलाम आजाद इनडोर स्टेडियम, हजारीबाग में हजारीबाग की विरासत थीम पर आधारित एक सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त हजारीबाग नैंसी सहाय शामिल हुई। सेमिनार कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत नैंसी सहाय, आनन्द, डॉ शत्रुघ्न पांडे, शुभाशीष दास, बुलू इमाम ने दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि उपायुक्त नैंसी सहाय ने अपने कहा कि इस हजारीबाग लिगेसी पर आधारित कार्यक्रम के माध्यम से हजारीबाग की पुरानी ऐतिहासिक विरासत को करीब से समझने का अवसर मिला है। हजारीबाग की विरासत और संस्कृति के अनछुए पहलुओं को हमारे बीच उपस्थित वक्ताओं के द्वारा सुनने और समझने का भी अवसर मिला है।

उपनिदेशक,जनसंपर्क आनंद ने सेमिनार का विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि हजारीबाग में मानव सभ्यता के प्रारंभ से लेकर आधुनिक काल तक के मानक संदर्भ इस प्रकार से सुलभ है जिससे सभ्यता के विकास की व्याख्या हो सकती है। इस्को गुफा चित्र के अंकन की बारीकियां स्थानीय कोहबर एवं सोहराय चित्रकला में उपस्थित है, जो सभ्यता के विकास की निरंतरता को दर्शाती है। पद्मश्री बुलू इमाम ने हजारीबाग क्षेत्र के विभिन्न पुरातात्विक स्थलों यथा दैहर, बहोरनपुर, इचाक, इटखोरी से प्राप्त पुरातात्विक अवशेषों पर विस्तार से प्रकाश डाला। हजारीबाग का इलाका बौद्ध धर्म का प्रसिद्ध केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के चरण भी यहां पड़े हैं। जैन धर्म की भी ऐतिहासिकता इस क्षेत्र में उपलब्ध रही है। उन्होंने कहा कि प्रागैतिहासिक काल से होकर बाद के समय में मानव सभ्यता के विकास के चिन्ह भी इस धरती पर मौजूद है। उन्होंने इन धरोहर के संरक्षण एवं संवर्धन पर बल दिया।मेगालिथ पर अपने किए गए विभिन्न शोधों का हवाला देते हुए शुभाषीश दास ने कहा कि पूरी दुनिया में मेगालिथों को लेकर लोग अत्यंत संवेदनशील है। कई देशों में वहां के मेगालिथ साइटों को विशेष धरोहर की सूची में शामिल किया जा चुका है। स्थानीय संत कोलंबस कॉलेज के प्राध्यापक डॉ शत्रुघ्न कुमार पांडे ने स्वतंत्रता आंदोलन में हजारीबाग के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भी हजारीबाग जेल में नजर बंद किए जाने की योजना थी। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए जिला जनसंपर्क अधिकारी रोहित कुमार ने कहा कि आज के इस सेमिनार में प्रस्तुत वक्ताओं के अभिभाषण को पुस्तिका के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें