गर्मी बढ़ने के साथ बिजली कटौती की समस्या शुरू
हजारीबाग में गर्मी बढ़ने के साथ बिजली कटने का सिलसिला शुरू हो गया है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटने से व्यापार और घरेलू कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। उद्योगों को भी बिजली की कमी का सामना करना...

हजारीबाग हमारे प्रतिनिधि। गर्मी के देते दस्तक दते ही बिजली विभाग के दावे की पोल खुलनी शुरू हो गई है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कट होने का सिलसिला शुरू हो गया है। तापमान बढ़ने के साथ बिजली कट होने से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में हाहाकार मच गया है। आम जनता बिजली की आंख मिचौली से परेशान है। घरेलू कामकाज से लेकर व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। मच्छर और बिजली की आंख मिचौली लोगों की नींद पर आफत बनती जा रही है। आलम यह है कि बच्चों को क्लास रूम मे मी ध्यान लगाने में एकाग्रता की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बिजली आधारित उद्योग संचालित करने वाले व्यवसायी भी बिजली विभाग से त्रस्त है। अप्रैल महीने में जहां मई जुन जैसी गर्मी पड़ रही है। जिससे लोग पसीने से तरबतर हो रहे हैं। दिन हो या रात बिजली कभी भी घंटे कट जा रही है। शहर में लगभग छह से आठ और ग्रामीण क्षेत्रों में आठ से 10 घंटे बिजली कट रही। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटने से रात में लोगों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है। गर्मी में सांप बिच्छू निकलने का खतरा बना रहता हैं। बिजली से ही रात में गरीबों का घर रौशन बना रहता है। उनके घर में जो चार्जर उपलब्ध होता है। वह भी पूरा चार्ज नहीं हो पाता है। लोगों के मोबाइल ठप्प हो जा रहे हैं।कम वोल्टेज के कारण मोटर नहीं चलने से कई घरों में पानी की समस्या गंभीर बन जा रही है। वही जेठुवा फसल और सब्जी लगाने वाले किसानो के सिंचाई कार्य बाधित हो रहे है। वहीं शहर क्षेत्र में बिजली आधारित व्यावसायिक उद्योग चल रहे हैं। सभी वर्ग के लोग परेशान हो रहे हैं। शेख मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित अन्य निजी नर्सिंग होम अस्पताल, दवा व्यवसाय, कई कार्यालय, होटल, लघु उद्योग, रेस्टोरेंट, फोटो स्टेट की दुकान, कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन कार्य बाधित हो जा रहे हैं।शहर के कई व्यवसायी डीजल जलाकर अपना उद्योग चला रहे हैं। खासकर होटल रेस्टोरेंट, आइसक्रीम कारोबार में बिजली की बड़ी भूमिका है। बिजली नहीं रहने से फ्रिज से जड़े सभी कारोबार प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए डीजल जलाना उनकी मजबूरी बन जा रही है। वैसे व्यापारियों पर दोहरा मार पड़ रहा है। एक ओर उन्हें बिजली बिल भी देना पड़ रहा है और बिजली कटने पर अतिरिक्त डीजल भी जलानी पड़ रही है। आइसक्रीम उद्योग सहित अन्य व्यवसाय के लोगों को प्रतिदिन डीजल मे एक हजार से अधिक खर्च करने पड़ रहे हैं।
लोड बढ़ने से गड़बड़ा रही है बिजली व्यवस्था
गर्मी बढ़ने के साथ बिजली का लोड भी बढ़ गया है।इस कारण ट्रांसफार्मर, इंसुलेटर और अन्य बिजली उपकरण जल रहे हैं। बिजली खंभे पर तार के जंजाल के कारण बिजली फाल्ट की समस्या उत्पन्न हो रही है। एक माह पहले मरम्मत के नाम पर जर्जर तार बदले गए और कई जगह ट्रांसफार्मर बदला गया लेकिन बिजली विभाग का दावा फेल होता नजर होता आ रहा है
व्यवसायियो ने झारखंड की बिजली व्यवस्था पर उठाए सवाल
डेमोटांड़ औद्योगिक क्षेत्र में दर्जनों छोटी व बड़े उद्योग लगे है। उद्योगों को 24 घंटे बिजली देने के लिए डेमोटांड़ में अलग फीडर की भी स्थापना की गई है। बावजूद वहां भी 24 घंटे में मुश्किल से 14 से 16 घंटे बिजली मिल पा रही है। छह से आठ घंटे बिजली गूल हो रही है। इससे उद्योग धंधा प्रभावित हो रहा है। डेमोटांड़ और औद्योगिक क्षेत्र के एक उद्यमी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बिजली नहीं रहने का असर उनके यहां लगातार उत्पादन प्रभावित हो रहा है।इसके कारण आ रहे आर्डर पर आपूर्ति नहीं कर पा रहे थे। बिजली की कटौती से उत्पादन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उद्योग धंधों का विस्तार और अन्य व्यवसाय का कैसे विकास होगा। बिजली कटौती बड़ी समस्या बनी हुई है।
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