विभावि कुलपति से शिक्षकों के स्थानांतरण के मुद्दे पर मिले युवा जिला कांग्रेस के अध्यक्ष
हजारीबाग विश्वविद्यालय में पांच वरिष्ठ शिक्षकों के स्थानांतरण का मामला गर्माता जा रहा है। युवा जिला कांग्रेस के अध्यक्ष प्रकाश यादव ने नया प्रभारी कुलपति से मुलाकात कर शिक्षकों का समर्थन किया।...
हजारीबाग शिक्षा प्रतिनिधि विभावि में पांच वरिष्ठ शिक्षकों का स्थानांतरण का मामला धीरे धीरे तुल पकड़ने लगा है। इन शिक्षकों के समर्थन में अब राजनीतिक दल के नेता भी उतर गए हैं। इस संबंध में बुधवार को युवा जिला कांग्रेस के अध्यक्ष प्रकाश यादव नये प्रभारी कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार पोद्दार से मुलाकात कर स्थानांतरित किये गये शिक्षकों का मामला उठाया। कहा कि स्थानांतरित शिक्षकों में से कोई भी जी हुजूरी और चापलूसी करने के आदी नहीं है। उक्त शिक्षक अपने अपने विभाग में अपने कर्तव्यों के निर्वहन में आदर्श स्थापित किया है। स्थानांतरण के लिए राजभवन का ही निर्देश है कि विशेष स्थानांतरण समिति बनाकर आवश्यकता अनुसार बिल्कुल निष्पक्ष तरीके से स्थानांतरण की प्रक्रिया को पूर्ण की जाए। इसमें संबंधित विषय के विभागाध्यक्ष से भी परामर्श करना है । इस मामले में यह नहीं हुआ। जबकि विभागाध्यक्ष को अपने कार्यकाल के बीच में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है क्योंकि इनका टेनर पोस्ट है और यह अपने पूरे कार्यकाल तक उस पद पर बने रहते हैं। इनका स्थानांतरण अत्यंत विशेष परिस्थिति में हो सकता है। यदि अनुशासन से संबंधित किसी मामले पर इस प्रकार का स्थानांतरण किया गया है तो वह भी नियम विरुद्ध हुआ है। इस संबंध में किसी प्रकार की कार्यवाही से पूर्व संबंधित शिक्षक से स्पष्टीकरण पूछे जाने की प्रक्रिया बाध्यकारी है। किसी भी स्थानांतरित शिक्षक से किसी प्रकार के स्पष्टीकरण नहीं पूछा गया। कहा विवि में शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच का संघर्ष अब खुलकर सामने आ गया है। शिक्षकों की ओर से लगातार विवि प्रशासन की कार्यशैली पर आवाज उठाया जा रहा था। जिसको लेकर उक्त दोनों वर्गों के बीच अंदर ही अंदर खटास बढ़ता जा रहा था। एक समय ऐसा भी आया जब दोनों के बीच की खाई को पाटने की कोशिश की गयी। लेकिन मामला इगो की हो गयी और बात बनते बनते रह गई। शिक्षकों का समूह अपनी मांगों को लेकर लगातार विवि प्रशासन पर दबाव बना रहे थे। ऐसे में विवि के पास एक कड़ी व बड़ी चुनौती थी। जिससे पार पाना आसान नहीं था। बावजूद विवि ने उन शिक्षकों के साथ पंगा लेने से बाज नहीं आया जो सामने से विवि प्रशासन के समक्ष मजबूती से अपना पक्ष रखता है और जो विवि व शिक्षकों के हित से परे लगता था उस पर भी बेवाकी बात रखने का काम करते हैं। विवि प्रशासन ने ऐसे ही पांच शिक्षकों को चिन्हित कर उनके खिलाफ रिपोर्ट तैयार किया और आवश्यक दिशा-निर्देश के लिए राजभवन भेज दिया । जिसके बाद राज्यपाल सह कुलाधिपति का निर्देश मिला और विवि ने एक फरमान जारी कर पांच शिक्षकों का तबादला अपने अधिनस्थ विभिन्न कालेजों में कर दिया। इधर मजे की बात यह है कि जिस दिन और तिथि को विवि का फरमान जारी हुआ ठीक उसके डेढ़ घंटे बाद केंद्रीय चुनाव आयोग ने झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी और प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गयी। जिससे दोनों पक्षों के बीच असमंजस स्थिति उत्पन्न हो गई है। जबकि इस संबंध में जिला प्रशासन का एक स्पष्ट नोटिफिकेशन है कि अब ना तो किसी को बिरमित और ना ही कोई कहीं योगदान दे सकता है। फिलहाल स्थानांतरित शिक्षक अपने अपने विभाग में देखे गए हैं। बताया जाता है कि यह मामला तबतक शांत नहीं होगा। जब तक स्थानांतरण संबंधित अधिसूचना रद्द नहीं होती है। अन्यथा इसे राजनीतिकरण कर बात को दूर तक पहूँचाने की कवायद की जाएगी।
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