अभ्यर्थियों की मौत पर आदिवासी संघ में उठाए सवाल
राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ ने झारखंड में उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया के दौरान 10 से अधिक अभ्यर्थियों की मौत पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने रात 12:00 बजे लाइन में खड़ा करना अनुचित और अमानवीय बताया है।...
हजारीबाग हमारे प्रतिनिधि उत्पाद विभाग सिपाही भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों की मौत पर राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ ने सवाल उठाए हैं। महासचिव विवेक कुमार धान ने बयान जारी कर इसके लिए अनुचित भर्ती प्रक्रिया और प्रशासनिक लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ गहरी चिंता व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि झारखंड में उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया के दौरान 10 से अधिक अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है। संघ ने रात 12:00 बजे लाइन में लगाने को अनुचित और अमानवीय बताया है। रात के समय 12:00 बजे लाइन में खड़ा करना अत्यधिक तनावपूर्ण और अमानवीय है। इस प्रक्रिया के कारण अभ्यर्थियों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। दौड़ के लिए अभ्यर्थियों को दोपहर 12 से एक बजे के आसपास दौड़ने के लिए मजबूर किया जाता है। अत्यधिक गर्मी और खराब मौसम में दौड़ लगवाना अभ्यर्थियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। इसलिए दौड़ का समय सुबह के लिए तय किया जाए। जिन अभ्यर्थियों ने इस भर्ती प्रक्रिया में अपनी जान गंवाई है। उनके परिवारों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाए। साथ ही, एक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए। यदि सरकार उनकी मांगों को नजर अंदाज करती है, तो संघ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगी।
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