सेवानिवृत हुए लोक अभियोजक मनोज झा, भावुक हुए अभियोजन कार्यालय के लोग
हजारीबाग के विधि प्रतिनिधि मनोज झा ने 26 वर्षों तक अभियोजन सेवा में काम किया। उन्होंने कई अपराधियों को सजा दिलाकर आम जनता का मनोबल बढ़ाया। विदाई समारोह में सहकर्मियों ने उन्हें पिता तुल्य बताया और...
हजारीबाग विधि प्रतिनिधि मुंगेर जमालपुर निवासी मनोज झा अभियोजन की नौकरी में आने से पहले सीए बनना चाहते थे। बाद में अपने दोस्तों के साथ विधि महाविद्यालय में अपना नामांकन कराया और फिर नौकरी प्राप्त किया। यह बातें सेवानिवृत हुए लोक अभियोजक ने सभी को अवगत कराया। उन्होंने वर्ष 1999 में अभियोजन सेवा में अपना योगदान दिया था। 26 साल के बेदाग अभियोजन सेवा में उन्होंने सरकार का पक्ष रखते हुए कई दुर्दांत अपराधियों और उग्रवादियों को सजा दिलाकर आम अवाम का मनोबल बढ़ाने का काम किया। मनोज झा की विदाई के दौरान सहायक और अपर लोक अभियोजक भावुक हो फफक पड़े। सभी ने एक स्वर में उन्हें अपना अभिभावक और पिता तुल्य बताया। कार्यक्रम का संचालन अपर लोक अभियोजक अनुराग सिंह ने किया। एपीपी कुमार उज्जवल ने मनोज झा को बेहतर मार्गदर्शक और अभिभावक बताया। एपीपी मीनाक्षी कंडुलना ने उन्हें समाधान का केंद्र बताया और कहा कि जब भी समस्या हुई वे इसका समाधान निकालकर मार्गदर्शन करते रहे। सहायक एपीपी स्वाति ने उन्हें पिता और अभिभावक बताते हुए रो पड़ी। उन्होंने कहा कि एक साल के कार्यकाल में उनसे प्रशिक्षण के दौरान पहली बार मुलाकात हुई और उनके साथ काम करने का मौका मिला। शर्मानंद राजीव, रोहित आनंद, राजेश लाल और एंजलीना बारला ने भी अनुभव साझा किया। मौके पर पुष्प गुच्छ और शॉल ओढ़ाकर अभियोजन की ओर से उन्हें शुभकामनाएं दी गई। इस मौके पर हजारीबाग बार संघ के अध्यक्ष राजकुमार और धनंजय कुमार सिंह ने भी उन्हें बुके देकर उन्हें सम्मानित किया और उनके मंगल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।