चार श्रम संहिता के विरोध में मंत्री को मांग पत्र सौंपा
हजारीबाग में, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 23 सितंबर को काला दिवस मनाया। उन्होंने चार श्रम संहिता के खिलाफ विरोध किया और प्रधानमंत्री और श्रम मंत्री को 10 सूत्री मांग पत्र सौंपा। इसमें न्यूनतम मजदूरी...
हजारीबाग, प्रतिनिधि। सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष की अनुपस्थिति में चार श्रम संहिता को पास किया था। उसी के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र फेडरेशनों द्वारा 23 सितंबर को अखिल भारतीय काला दिवस मना कर प्रधानमंत्री और श्रम मंत्री, भारत सरकार को मांग पत्र सौंपने का आह्वान किया। इसी आह्वान के आलोक में सीआईटीयू से संबंधित यूनियनों ने काला पट्टी लगाकर विरोध किया। चार श्रम संहिता को रद्द करने, न्यूनतम मजदूरी 26000 महीना करने, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार समान काम के लिए समान वेतन देने, आंगनबाड़ी कर्मी, सहिया, रसोईया, संविदा पर रखें समस्त कर्मचारियों और अधिकारियों को नियमित करने, निर्माण मजदूरों के कल्याण कोष में जमा राशि को मजदूरों पर खर्च करने, नई पेंशन स्कीम को समाप्त कर ओ पी एस को लागू करने, बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने सहित 10 सूत्री मांग पत्र प्रधानमंत्री और श्रम मंत्री, भारत सरकार को श्रम अधीक्षक, हजारीबाग के माध्यम से सौपा गया। मांग पत्र देने वालों में सी आई टी यू के जिला उपाध्यक्ष गणेश कुमार सीटू, जिला कमेटी सदस्य ईश्वर महतो, तपेश्वर राम, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव यूनियन के विजय कुमार, सुमन शेखर, सुदीप्तो चटर्जी, साकेत कुमार, अभिषेक मिश्रा, अशोक कुमार, ज्ञानेंद्र कुमार, डीवीसी श्रमिक यूनियन के विजय चौधरी, लाल बहादुर शास्त्री सहित यूनियन के कई साथियों ने भाग लिया।
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