प्रयागराज कुंभ आने जाने वाले श्रद्धालुओं से ट्रैवल एजेंसी से जुड़े लोगों को मिल रहा है रोजगार
प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ हजारीबाग के लिए रोजगार का स्रोत बन गया है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से ट्रैवल एजेंसियों, हलवाई, और मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। हर दिन हजारों लोग प्रयागराज जा रहे हैं...
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हजारीबाग, अजय मिश्रा। प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ लोगों में आध्यात्मिक चेतना ही नहीं जग रही है। बल्कि यह हजारीबाग के लिए रोजगार देने वाला भी साबित हो रहा है। ऐसे धार्मिक आयोजन से श्रद्धालुओं की लगातार डुबकी लगाने में जिले में करोड़ों रुपए की आमदनी हो रही है। ट्रैवल एजेंसियों के कारोबार में जैसे पंख लग गए हो। वही हलवाई, मजदूर ड्राइवर व और लोगों को भी इससे कई दिनों से रोजगार मिल रहा है। जिले से रोजाना हजारों की संख्या में प्रयागराज श्रद्धालु जा रहे हैं। बसों और निजी कार, लक्जरी वाहन जैसे सवारी वाहनों की एडवांस बुकिंग हो रही है। सेवन सीटर गाड़ियों में 15 से 20 हजार की बुकिंग ले रहे हैं। ट्रैवल एजेंसियों का कहना है कि लगभग जिले भर से डेढ़ सौ निजी वाहन और चार दर्जन से अधिक नई बसे से हर दिन महाकुंभ जा रही है। बसों की सवारियां की गांव-गांव में एडवांस बुकिंग हो रही है। सभी धार्मिक मंदिरों में ट्रैवलिंग एजेंसियों ने 4500 किराया पर लोगो को प्रयागराज पहुंचा रहे हैं। जिसमें स्लिपर बस से संपूर्ण तीर्थ यात्रा छह दिन की रखी जा जा रही है। जिसमे विंध्याचल भैरों मंदिर, प्रयागराज संकट मोचन मंदिर, हंस कुसलेस हनुमान मंदिर अक्षय वट दुर्वासा आश्रम, अयोध्या राम जन्मभूमि, अयोध्या हनुमान गढ़ी, सरयु स्नान, सम्पूर्ण काशी यात्रा, काशी विश्वनाथ, गंगा स्नान, गंगा आरती दर्शन का पैकेज दिया जा रहा है। बस ऑपरेटर ।।जो एजेंसियों ने महाकुंभ के लिए पैकेज शुरू किए हैं। एक बस ऑपरेटर छह दिन की यात्रा के लिए 4500 तक ले रहे हैं। इसमे भोजन शामिल है। लाज, धर्मशाला छोटी गाड़ी का खर्चा यात्री को स्वयं वहन करना होगा। जिले से औसतन ऐसे दो दर्जन लग्जरी बसो का संचालन हो रहा है। वही प्रयागराज जाने वाले तीर्थ यात्री बड़ी मात्रा में भोजन,साड़ी,धोती,गमछा जैसे कपड़े धार्मिक वस्तुएं पूजा पाठ से जुड़े चीजे खरीद रहे है। इसे भी स्थानीय बाजार को लाभ मिल रहा है। वही हलवाइयों की भी चलती चल रही है। औसतन एक बस में दो हलवाई भी चल रहे हैं। प्रयागराज के चारों ओर सड़क जाम की बात सुनकर जीटी रोड में कहीं फंस नहीं जाए। इसलिए ज्यादातर लोग घर से ही हलवाई से शुद्ध एवं सात्विक निमकी,खजूर, पुड़ी, बुंदिया नमकीन जैसा खाना बना रहे हैं और अपने वाहन मे पानी का बोतल लेकर साथ मे लेकर चल रहे हैं। जो तीर्थ यात्री प्रयागराज जा रहे हैं। वह लौटकर श्री सत्यनारायण देव की पूजा और कथा श्रवण करा रहे हैं। इससे बाह्मणो की आमदनी में इजाफा हो रहा है। तीर्थ यात्रा के बाद हित कुटुम्ब को भोजन कराना पड़ता है। इससे भी हलवाई और मजदूर को रोजगार मिल रहा है।
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