उग्रवाद प्रभावित लावाकुदर गांव की लड़की ज्योति कुटी का हुआ बीएसएफ में चयन
कटकमसांडी प्रखंड की ज्योति टूटी, जो एक किसान परिवार से हैं, का चयन बीएसएफ कांस्टेबल पद पर हुआ है। उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय से मैट्रिक और केबी विमेंस कॉलेज से बीए की पढ़ाई की। ज्योति...
कटकमसांडी, प्रतिनिधि। कटकमसांडी प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित लावाकुदर गांव की लड़की ज्योति टूटी 25 वर्ष का चयन बीएसएफ कांस्टेबल पद पर हुआ है। ज्योति टूटी कटकमसांडी प्रखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय से मैट्रिक करने के बाद वह केबी विमेंस कॉलेज हजारीबाग से बीए इतिहास विषय से ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की। किसान परिवार में जन्मे ज्योति टूटी पांच भाई बहनों में से है । गांव में यह पहली लड़की होगी जिसे सरकारी नौकरी लेने में सफलता हासिल की है। ज्योति टूटी के पिता मनी मुंडा कहते हैं कि बहुत ही गरीबी में इन सभी बच्चों का लालन पोषण हुआ है। लेकिन ज्योति टूटी पढ़ने से लेकर नौकरी लेने तक एक नया जुनून सवार था। उसी जुनून की वजह से उसने यह सफलता हासिल कर ली है। ज्योति टूटी बीएसएफ में जाने की प्रेरणा उनके चाचा मनोरंजन मुंडा से मिली । जिन्होंने पहले से ही बीएसएफ में कार्यरत है और कुछ ही दिनों में वह सेवा निवृत होकर घर वापस लौटेंगे। सफलता हासिल करने के बाद ज्योति टूटी अपने भाई सुनील टूटी और शिव शंकर टूटी के साथ थाना में आचरण प्रमाण पत्र बनाने मे लगी है यह नए साल 2025 के जनवरी माह में ट्रेनिंग के लिए बंगाल के सिलीगुड़ी जाना है। वहीं अति सुदूरवर्ती गांव के दूधमटिया के वीरेंद्र लकड़ा ने सीआईएफ के कांस्टेबल पद पर चयनित हुए हैं। वहां के लोगों का कहना है कि विरेन्द्र लकड़ा गांव के ऐसे युवक हैं जिन्होंने सरकारी नौकरी मे जाने का यह सफलता हासिल की है।
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