बाल विवाह रोकने के लिए पूरी निष्ठा से जुटे रहे निषेध अधिकारी: शिप्रा सिन्हा
हजारीबाग में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत बाल विवाह निषेध अधिकारियों का जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। उप विकास आयुक्त इश्तियाक अहमद की उपस्थिति में बाल विवाह निषेध अधिनियम...
हजारीबाग वरीय संवाददाता नगर भवन में शनिवार को जिला समाज कल्याण विभाग हज़ारीबाग के तत्वाव्रधान में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना अंतर्गत बाल विवाह निषेध अधिकारियों का जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप विकास आयुक्त इश्तियाक अहमद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन करने के पश्चात जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा ने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों तथा बाल विवाह निषेध अधिकारियों के दायित्व एवं भूमिका विषय को लेकर जानकारी दी। उन्होंने सभी अधिसूचित/नियुक्त बाल विवाह निषेध अधिकारियों को बाल विवाह के कारण,बाल विवाह के परिणाम, अपराध, निषेधाज्ञा, शून्यकरण, गुजारा भत्ता एवं बच्चें की अभिरक्षा, देखरेख और संरक्षण के बारे में अवगत कराया गया। कार्यक्रम में बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों को उनकी भूमिका, बाल विवाह की रोकथाम में पुलिस की भूमिका, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, झारखंड बाल विवाह प्रतिषेध नियमावली 2015 एवं सर्वोच्च न्यायालय की बाल विवाह विषय पर अवधारणाएं के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को देश में बाल विवाह की प्रथा को रोकने तथा इसे प्रभावित बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए भारत सरकार द्वारा विशेष कानून के रूप में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में विशेष रूप से बताया गया। इस अधिनियम के जरिए विवाह करने की न्यूनतम आयु बालक एवं बालिका के लिए क्रमशः 21 वर्ष एवं 18 वर्ष निर्धारित किया गया है। कार्यक्रम में बाल विवाह को जड़ से मिटाए जाने के लिए सभी बाल विवाह निषेध अधिकारियों एवं हितधारकों से अपेक्षा की गई है कि वह पूर्ण निष्ठा एवं जवाबदेही के साथ बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों को लागू कर बच्चों को सुरक्षित एवं विकासात्मक माहौल प्रदान करेंगे। साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों, धार्मिक गुरुओं एवं समाज के अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ साझा प्रयास करते हुए सामाजिक बदलाव लाकर इस कुरीति को समूल नाश के लिए प्रयत्न करेंगे।
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