हजारीबाग जिले में बरकट्ठा सीट पर जेएमएम और बड़कागांव सीट पर आजसू ने जमाया कब्जा
भाजपा और कांग्रेस को एक-एक सीट का नुकसान, चुनाव में गेम चेंजर बना मईया योजना का दाव काम नहीं आया, अंदर अंदर बहती रही हजारीबाग मे भाजपा का करंट, हजारीब
हजारीबाग, हमारे प्रतिनिधि। मतगणना के बाद हजारीबाग के राजनीति की तस्वीर बदल गई है। झारखंड में जहां कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत हासिल कर लिया है। इस जीत में मईया योजना की अहम भूमिका मानी जा रही है। लेकिन हजारीबाग जिले में इस योजना की हवा निकल गई। जिले में पहली बार बरकट्ठा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और बड़कागांव सीट पर आजसु पार्टी ने कब्जा जमा लिया। भाजपा को बरकठ्ठा और कांग्रेस को बड़कागांव सीट का नुकसान उठाना पड़ा। चुनाव में गेम चेंजर बना मईया योजना का दाब काम नहीं आया।। हजारीबाग विधानसभा क्षेत्र में अंदर अंदर भाजपा का करंट बहता रहा।इस कारण सदर विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार रखा। लेकिन मांडू विधानसभा सीट मे अंडरग्राउंड मईया योजना की लहर चलती रही। एनडीए गठबंधन के आजसू प्रत्याशी के चुनौती को स्वीकार करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी पांचवीं बार विधायक बने। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस राजद गठबंधन कारण इस बार मईया योजना वजह से महिलाओं ने मतदान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। मतदान के दौरान उनका झुकाव झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस गठबंधन की ओर दिखा था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कल्पना सोरेन, कांग्रेस के बड़े नेताओं ने इस योजना का खूब प्रचार किया था। यहां तक की लाभुकों को योजना की राशि से एक हजार से 2500 रुपए बढ़ाने का वायदा भी किया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस राजद गठबंधन कांग्रेस की इस जीत में इस योजना का बड़ा हाथ माना जा रहा है। जिले मे प्रथम चरण में 13 नवंबर को जहां 59.19 प्रतिशत मतदान हुए थे। वहीं द्वितीय चरण में 64.67 प्रतिशत मतदान हुआ। जिसमें महिला वोटरो की संख्या पुरुष वोटो से ज्यादा रही। महिलाओं ने वोटिंग के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। इस योजना ने सचमुच में महिला वोटरो को घर से निकलने का का काम किया। जिससे मतदान पांच प्रतिशत बढ़ गया। इंडिया गठबंधन का यह दावा काम कर गया। लेकिन हजारीबाग की राजनीति में यह योजना गेम चेंजर साबित नहीं हुआ। जिले के बरकट्ठा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अमित यादव को हर का सामना करना पड़ा।
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी झारखंड जानकी यादव ने पासा पलट दिया। उन्होंने इतिहास रचते जिले के बरकट्ठा सीट पर पहली बार झारखंड मुक्ति मोर्चा का झंडा लहरा दिया। वह दूसरी बार विधायक बनेंगे। हजारीबाग सदर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी मुन्ना सिंह से लोग बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद मतदाताओं ने पाल रखा था। लेकिन उन्हें कांग्रेस पार्टी मे भीतरघात का सामना करना पड़ा। मईया योजना का हजारीबाग सीट पर कोई असर नहीं दिखा। भाजपा का गढ़ माने जाने वाले हजारीबाग सीट पर प्रदीप प्रसाद ने शुरू से लेकर अंतिम समय तक अपना बढ़त बनाए रखा। वहीं बरही सीट पर भाजपा प्रत्याशी मनोज कुमार यादव शुरू से ही अपना बढ़त बनाए रखा। कांग्रेस प्रत्याशी को इस योजना का लाभ नहीं मिला। उन्हें भी पार्टी के भीतरघात का सामना करना पड़ा। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर समाजवादी पार्टी से लड़ रहे वर्तमान विधायक उमाशंकर यादव अकेला चुनाव मैदान में पिछड़ गए। वही मांडू विधानसभा सीट से जयप्रकाश भाई पटेल का कब्जा बरकरार रहा। युवा मतदाताओं का रुझान एनडीए प्रत्याशी तिवारी महतो की ओर दिख रहा था। मगर मईया योजना ने तिवारी महतो के उम्मीदों पर पानी फेर दिया।जिले के बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र का आधा हिस्सा बड़कागांव और केरेडारी प्रखंड में पड़ता है। जबकि आधा हिस्सा रामगढ़ जिला में। इस विधानसभा सीट पर चुनाव का संचालन रामगढ़ जिला प्रशासन करता है। प्रथम चरण में हुए चुनाव में बड़कागांव प्रखंड और केरेडारी में महिलाओं की अच्छी वोटिंग हुई। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी अंबा प्रसाद को मईया योजना का लाभ नहीं मिला। लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आकर बड़कागांव में चुनाव का रुख बदल दिया। यहां महिला पुरुष मतदाताओं ने कांग्रेस प्रत्याशी के प्रति वोटिंग के माध्यम से अपनी नाराजगी दिखाई। यहां से एनडीए गठबंधन के आजसू पार्टी के रोशन लाल चौधरी पहली बार विधायक बने।
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