परिजनों और अपनों की राह ताक रहीं शेख भिखारी की मॉचरी की चार लाशें
संवाददाता हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की मॉर्चरी में परिजनों की राह देख रही है चार लाशें। हादसे के 36 घंटे बाद भी उन्हें लेने के लिए कोई नही
हजारीबाग, वरीय संवाददाता। हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की मॉर्चरी में परिजनों की राह देख रही है चार लाशें। हादसे के 36 घंटे बाद भी उन्हें लेने के लिए कोई नहीं पहुंचा था। गुरुवार को गोरहर थाना से पांच सौ मीटर दूर स्वर्णिम चतुर्भुजी मार्ग एनएच दो पर कोलकाता से पटना जा रही वैशाली बस डब्ल्यू बी 76 ए 15 48 के पलटने से छह यात्री की मौत हो गई थी। इसमें 15 से अधिक लोग घायल हो गए थे। मरने वालों चार महिला समेत दो पुरुष थे। एक पुरुष और एक महिला को परिजन गुरुवार को ही ले गए थे। लेकिन हजारीबाग की मॉर्चरी में चार लाशे अभी भी अपनी सदगति के लिए परिजनों की प्रतीक्षा में है।
मुक्तिधाम सेवा संस्थान के नीरज कुमार के अनुसार अभी चारों लाश अज्ञात ही हैं। हालांकि एक युवती की लाश को हल्दिया की मिष्टी कुमारी के रूप में अंदाज लगाया जा रहा है। बताया जाता है कि उसने यहां इलाज के दौरान दम तोड़ा था। उसने अपना नाम बताया था पर रिकॉर्ड में अभी उसका नाम दर्ज नहीं है। उनके परिजनों तक खबर नहीं पहुंच सकी है। इसी तरह दो महिला और एक पुरुष की लाश की भी अभी तक शिनाख्त नहीं हो पायी है। उनके भी परिजनों को पुलिस खोज रही है। यदि 72 घंटे तक उनका पता नहीं चल पाया तो लाश को अज्ञात घोषित कर उनका दाह संस्कार कर दिया जाएगा। ऐसे में सिर्फ कपड़े आदि ही परिजनों को मिल सकेंगे।
विदित हो कि हादसे में मरने वालों में बंगाल हुगली निवासी राजकुमारी प्रसाद 55 वर्ष पति मोतीचंद प्रसाद, नालंदा के मोहनिया निवासी एजाज अहमद 47 वर्ष पिता मो मोईन के नाम शामिल हैं। एजाज अपने बड़े भाई के मिट्टी मंजिल में शामिल होने अपने घर जा रहे थे बस हादसे में उनकी भी जान चली गयी थी। इधर हजारीबाग शेख भिखारी में भर्ती सभी मरीज बेहतर इलाज के लिए दूसरे हॉस्पिटल चले गए हैं। बस हादसे में गोरहर पुलिस ने शुक्रवार को खबर भेजे जाने तक कोई मामला भी दर्ज नहीं किया था। पुलिस किसी शिकायत कर्ता की प्रतीक्षा में थी।
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