जिले के दर्जनों किसानों को पीएम किसान निधि की 19 वीं किस्त नहीं मिली
हजारीबाग के किसानों ने ई-केवाईसी न होने के कारण सरकारी सहायता राशि से वंचित रहने का आरोप लगाया है। सरकार ने सभी किसानों को ई-केवाईसी कराने के निर्देश दिए हैं, लेकिन कई किसान पिछले कई किस्तों से वंचित...

हजारीबाग/कटकमसांडी। हिटी ई -केवाईसी नहीं होने के कारण कई किसानों की राशि से वंचित होने का आरोप लगाया है। सरकार ने भी किसानों को ई-केवाईसी कराने के निर्देश दिए हैं। जिन किसानों की केवाईसी नहीं हुई है उन्हें खाते में योजना की राशि नहीं पहुंच पाई है। ई केवाइसी नहीं होने से किसानों के खाते में राशि नहीं पहुंच रही है। आर्थिक रूप से कमजोर किसानों और छोटे किसानों को उपकरण, बीज आदि की जरूरत पूरी करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में पैसे दिए जाते हैं। राशि नहीं मिलने से किसानों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट हो रहा है। इधर कृषि विभाग का कहना है कि ई केवाइसी का काम पहले ही पूरा कर लिया गया है। कुछ किसानों के साथ जो समस्या आ रही है। वह अंगूठा का ठीक से स्कैन नहीं होना और चेक आदि का मिलान आदि की समस्या के कारण है। विदित हो कि हजारीबाग जिले में दो लाख के आसपास किसान है। उनमें एक ही जमीन पर कई लोगों ने दावे किए हैं। ऐसे में मामला जांच में चला गया है। इधर कटकमसांडी और कटकमदाग प्रखंड के दर्जनों किसान पीएम किसान निधि के 19 वीं किस्त से वंचित रह गए। 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के भागलपुर से किसान सम्मन निधि की 19वीं किस्त जारी किया था ।लेकिन प्रखंड के कई ऐसे किसान हैं जिन्हें पिछले कई किस्त भी नहीं मिल पाई है। इसका वजह किसान अंचल कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार बता रहे हैं। लोगों का आरोप है कि लाईंड सेंडिंग करने में किसान जब अंचल कार्यालय पहुंचते हैं तो वहां उन्हें राजस्व कर्मचारी से लेकर को सीओ कार्यालय तक चक्कर लगाना पड़ता है लेकिन उन्हें फार्म में कई त्रुटि बताकर उन्हें वापस भेज दिया जाता है । किसानों का आरोप है कि इसके लिए कर्मियों द्वारा राशि भी मांग की जाती है । बावजूद इस योजना का लाभ नहीं मिल पाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है । बताया जाता है कि प्रधानमंत्री पीएम किसान निधि के तहत प्रत्येक किसानों को साल में तीन किस्त का भुगतान किया जाता है । प्रत्येक किस्त में किसान को दो हजार और साल में छह हजार रुपया दिया जाता है । यह सम्मान राशि मिलने के बाद किसान अपनी खेती किसानी में लगते हैं और इसका सही उपयोग करते हैं ।लेकिन अंचल कर्मियों के उदासीनता के कारण उन्हें यह राशि नहीं मिल पा रहा है । पिछले कई किस्त नहीं मिलने से किसान परेशान हैं और लगातार अंचल कार्यालय का चक्कर लगाते लगाते हैं । लेकिन अब किसान अंचल कार्यालय का चक्कर नहीं बल्कि भाग्य के भरोसे छोड़ दिए हैं । अंचल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार त्रुटि को ठीक कर जिला भेज दिया जाता है । जिला में इसका अलग प्रोसेस है जिसके तहत कार्य कर उसे स्टेंट भेज दिया जाता है । जहां से राशि का भुगतान किसान के खाते में भेजा जाता है ।
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