कोल इंडिया स्थापना दिवस पर मजदूरों की अनदेखी से नाराज हुए श्रमिक संगठन
कोल इंडिया स्थापना दिवस पर मजदूरों की अनदेखी से श्रमिक संगठन आक्रोशित हो गए हैं। इस कारण 50 वें स्थापना दिवस का उन्होंने बहिष्कार करने की घोषणा कर
हजारीबाग, वरीय संवाददाता। कोल इंडिया स्थापना दिवस पर मजदूरों की अनदेखी से श्रमिक संगठन आक्रोशित हो गए हैं। इस कारण 50 वें स्थापना दिवस का उन्होंने बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है। सी आई टी यू के हजारीबाग जिला उपाध्यक्ष गणेश कुमार सीटू ने कहा है कि भारत सरकार के नवरत्न कंपनियों में से एक कोल इंडिया लिमिटेड 3 नवंबर 2024 को अपना 50 वां साल पूरा कर रहा है। इस अवसर पर कोल इंडिया प्रबंधन ने कोलकाता के न्यू टाउन में स्थित विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर में कोल इंडिया का 50 वां स्थापना दिवस 3 नवंबर 2024 को मनाया जा रहा है। कोल इंडिया प्रबंधन ने कोल इंडिया में कार्यरत मान्यता प्राप्त यूनियन को इस स्थापना दिवस में भाग लेने का निमंत्रण भेजा है लेकिन दिनांक 30अक्तूबर 2024 को कोल इंडिया लिमिटेड बोर्ड ने कोलकाता में जो फैसला लिया है उससे देश के तमाम कोयलाकर्मी काफी आक्रोशित है।
प्रबंधन ने फैसला लिया है कोल इंडिया के 50 वां स्थापना दिवस के अवसर पर कोल इंडिया में कार्यरत सभी अधिकारियों को उपहार स्वरूप उनके पद के अनुसार मोबाइल फोन खरीदने के लिए 60,000रू. से लेकर 30, 000 रुपए तक दिए जाएंगे। बोर्ड के फैसले के अनुसार ई 9 को 60000, ई 7 - 8 को 50, 000, ई 4-5-6 को 40, 000 और ई 3 या इसके नीचे के अधिकारियों को ₹30, 000 दिया जाएगा। गणेश कुमार सीटू ने ये भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 ( 1-4-2023 से 31-3-2024 तक) में कोल इंडिया लिमिटेड को 37, 402. 29 करोड़ रूपया का जो फायदा हुआ है वह सिर्फ अधिकारियों की मेहनत से नहीं बल्कि कोल इंडिया में काम करने वाले लगभग ढाई लाख मजदूर के मेहनत का भी परिणाम है। स्थापना दिवस के अवसर पर सिर्फ अधिकारियों को कीमती उपहार देना और कोयला कर्मियों को नजर अंदाज कर देना यह कोल इंडिया प्रबंधन का गलत फैसला है। इस फैसले से कोल इंडिया प्रबंधन को भविष्य में बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा इसलिए कोयला उद्योग में कार्यरत सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन (सी आई टी यू), भारतीय मजदूर संघ (बी एम एस) और हिंद मजदूर सभा (एच एम एस) ने संयुक्त रूप से कोल इंडिया के निदेशक (पी एंड आई आर), कोलकाता को एक नवम्बर 2024 को पत्र लिखकर कोल इंडिया के 50 वां स्थापना दिवस का बहिष्कार किया है। यूनियन नेताओं का स्पष्ट कहना है कि अधिकारियों को जब आप उपहार दे रहे हैं तो कोयला कर्मियों को भी उपहार देना चाहिए यही स्वस्थ परंपरा है और इसी में कोयला उद्योग की भलाई भी है। अधिकारियों को उपहार देना और कोयला कर्मियों को नजरअंदाज कर देना सरासर गलत है। इसलिए उक्त यूनियनों ने इतना कठोर फैसला लेने के लिए बाध्य हुआ है।
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