साहित्यकार और कथाकार रतन वर्मा का जन्मदिवस आज
हजारीबाग के प्रख्यात कथाकार रतन वर्मा का 75 वां जन्मदिन सोमवार को मनाया जाएगा। उन्होंने 42 वर्षों के लेखकीय जीवन में कई पुरस्कार जीते हैं और सामाजिक यथार्थ पर आधारित कई महत्वपूर्ण कहानियाँ लिखी हैं।...
हजारीबाग, नगर प्रतिनिधि। हिंदी साहित्य को समर्पित प्रख्यात कथाकार रतन वर्मा का 75 वां जन्म दिन सोमवार को मनाया जाएगा। वह पिछले 42 साल के लेखकीय जीवन में हैं। उन्हें कई बार राष्ट्रीय स्तर के कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से नवाजा गया है।कॉलमनिस्ट और अग्रलेखक विजय केसरी बताते हैं कि रतन वर्मा ने साहित्य के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने घराना, हैप्पी क्रिसमस,मारिया,जूठन, वेतन का दिन, डाल से बिछड़ी सूरजमुखी, घोंचू, अपराजिता, मेरा सहयात्री, कबाब,अंततः,हरिश्चंद्र का पुनर्जन्म,सस्ती गली,गुलाबिया , दस्तक आदि कहानियां सामाजिक यथार्थ के धागों से बुनी है। जिसमें दैहिक भूख, रिश्ते, बिछुड़न, संघर्ष, पराजय, अपराजय, पीड़ा और संघर्षरत लोगों के स्वर साफ सुनाई देते हैं। ये कहानियां परिवर्तन की मांग करती है, जो परिस्थितियों से मुकाबला कर आगे बढ़ना चाहती है। हर एक कहानी एक नई बात कहने के साथ जीवन संघर्ष से मुकाबला करने की ताकत प्रदान करती है । उनकी कलम कहानियां तक ही सीमित नहीं रही है बल्कि उन्होंने कई महत्वपूर्ण उपन्यासों के माध्यम से समाज को एक नई दिशा देने का भी काम किया है। वे अभी देश के पौराणिक पात्रों को लेकर उपन्यास लिख रहे हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।