फाल्गुन शुरू होते ही सताने लगा पेयजल की समस्या
बरही की पेयजल समस्या पर सांसद मनीष जायसवाल और विधायक मनोज कुमार यादव ने बैठक में चिंता जताई। 2007-2008 में शुरू हुई पेयजलापूर्ति योजना 2025 तक भी पूरी नहीं हुई। हालात बदतर हैं, चापाकल खराब हैं और...

बरही प्रतिनिधि। बरही की पेयजल समस्या को लेकर आकांक्षी जिला की समीक्षा बैठक में सांसद मनीष जायसवाल और विधायक मनोज कुमार यादव ने मुद्दा उठाया था। बैठक में सिर्फ आश्वासन मिला। बरही की पेयजल समस्या को दूर करने की कोई कार्रवाई नहीं हुई। वर्ष 2007-2008 में बनी बरही ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना वर्ष 2025 में भी पूरी नहीं हुई।वर्ष 2007-2008 में जब यह योजना बनी तो लागत 10 करोड़ 22 लाख थी। मार्च 2013 में बरही ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना का पुनर्गठन किया गया तो योजना की लागत बढ़कर 17 करोड़ 24 लाख 65 हजार हो गई। वर्ष 2023 तक भी योजना जब पूरी नहीं हुई तो एकबार फिर योजना का पुनर्गठन किया गया और मार्च 2023 में योजना को पूरा करने के लिए 9 करोड़ 79 लाख 32 हजार रुपये निर्गत किए गए। यह राशि मिलने के बाद लोगों को लगा कि अब बरही पेयजलापूर्ति योजना पूरी हो जाएगी। विभाग ने भी आश्वासन दिया कि 2024 के अगस्त महीने से उन्हें पीने का पानी मिलना शुरू हो जाएगा। लेकिन विभाग का आश्वासन झूठा साबित हुआ। फाल्गुन शुरू होते ही पेयजल की समस्या शुरू हो गई है। चापाकल खराब पड़े हैं, मरम्मत नहीं की ज रही है। बरही में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का कार्यालय है लेकिन अभियंता यहां नहीं आते हैं।
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