अपमानजन व्यवहार पर रोक लगाने की मांग पर अधिवक्ताओं ने दी प्रतिक्रिया
हजारीबाग नगर प्रतिनिधि झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के सदस्यों पर सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं के अपमानजनक व्यवहार पर रोक...
हजारीबाग । नगर प्रतिनिधि
झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के सदस्यों पर सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं के अपमानजनक व्यवहार पर रोक लगाने की मांग पर हजारीबाग अधिवक्ता संघ के सदस्यों ने प्रतिक्रिया दी है। अधिवक्ताओं ने कहा है कि प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों के साथ किसी का भी अपमानजनक व्यवहार कतई उचित नहीं है। अधिवक्तागण इसकी निंदा करते हैं। परंतु उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए की झारखंड के सभी प्रखंड कार्यालयों में भ्रष्टाचार चरम पर है। जिसके कारण आम जनता त्रस्त है। कानून सम्मत कार्यों में भी घोर परेशानी उठानी पड़ रही है। कार्यालयों के चक्कर लगाते लगाते निर्धन और लाचार परेशान है। जिसके कारण जन आक्रोश बढ़ रहा है। ऐसी शिकायतों पर जनप्रतिनिधि आक्रोशित होकर अपनी कटु शब्दों का प्रयोग कर बैठते हैं। अधिवक्ताओं ने झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को संवेदनशीलता का परिचय देते आम जनों को राहत देने की कोशिश करने की अपील की है। अधिवक्ताओं ने झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों को स्मरण दिलाया है। उन्हें यह हमेशा रखना चाहिए कि वे जनता के सेवक है। मालिक नहीं है। बयान देने वालों में अधिवक्ता स्वरूप चंद जैन, अरविंद कुमार झा, गुलाम नबी, रामेश्वर कुमार जैन, सुरेंद्र प्रकाश, राजेंद्र राम, सुनील भारद्वाज, संजय रंजन, सुनील कुमार मेहता भुनेश्वर ठाकुर सहित कई अधिवक्ता शामिल हैं।
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