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स्कूली छात्राओं को दी गयी एनटीडी से जुड़ी बीमारियों की जानकारी

गावां में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में विश्व एनटीडी दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। एमटीएस मो कमर ने छात्राओं को एनटीडी और इसके अंतर्गत आने वाली बीमारियों जैसे फाइलेरिया, डेंगू, और कालाजार के...

Newswrap हिन्दुस्तान, गिरडीहFri, 31 Jan 2025 03:40 AM
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स्कूली छात्राओं को दी गयी एनटीडी से जुड़ी बीमारियों की जानकारी

गावां। विश्व एनटीडी (नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज) दिवस पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में संगोष्ठी आयोजित हुई। एमटीएस के मो कमर ने छात्राओं को एनटीडी में शामिल बीमारियों की जानकारी दी। एनटीडी के संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज) को एनटीडी रोग कहा जाता है। जिसमें लिम्फैटिक फाइलेरिया (हाथी पांव), कालाजार, कुष्ठ, डेंगू, चिकुनगुनिया, सर्पदंश, हाइडेटिडोसिस, रेबीज जैसे कुल 20 रोगों को शामिल किया है। जिनकी रोकथाम संभव है। एनडीटी जीवन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करनेवाली बीमारियों का समूह है, जो सबसे अधिक गरीब व कमजोर आबादी को प्रभावित करता है। हालांकि इन रोगों की रोकथाम संभव है, लेकिन फिर भी पूरी दुनिया में इन गंभीर बीमारियों से हर साल लोगों की या तो मौत हो जाती है या फिर वे दिव्यांग हो जाते हैं। जिसको देखते हुए पूरे विश्व के लोगों को जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।

एनटीडी को लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग सतर्क

एमटीएस मो कमर ने बताया कि एनटीडी में शामिल बीमारियां वायरस, बैक्टिरिया, पैरासाइट फंगस और टॉक्सिन से होती हैं जिसमें फाइलेरिया, डेंगू और कालाजार को लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। जिस प्रकार लगातार प्रयासों से हमने चेचक को खत्म कर दिया है ठीक उसी प्रकार हम सभी मिलकर एनटीडी में शामिल बीमारियों को भी खत्म कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अमूमन देखा जाता है कि इन बीमारियों के प्रति समुदाय जागरूक नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों को मजबूती देने के लिए अब सभी वर्गों के लोगों को जागरुकता दिखानी होगी। इन रोगों में लक्षणों की पहचान बेहद जरूरी है। यदि समय से मरीजों के रोगों की पहचान कर उनका इलाज शुरू किया जाए तो वे स्वस्थ हो जाएंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर किसी मरीज को इन बीमारियों के लक्षण दिखे तो तत्काल अपने क्षेत्र की सहिया व आंगनबाड़ी सेविका को इसकी जानकारी दें और सरकारी अस्पताल में दिखाएं। ताकि, समय से इलाज करा कर इन बीमारी पर काबू पाया जा सके।

ज्यादातर बीमारियां फैलाते हैं मच्छर

वहीं, मो कमर ने बताया कि एनटीडी में शामिल ज़्यादातर बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं। जिनमें अलग अलग प्रजातियों के मच्छरों के द्वारा फाइलेरिया, डेंगू और कालाजार प्रमुख हैं। हालांकि, सरकार इन बीमारियों की रोकथाम के लिए अलग अलग कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिसके तहत फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन (एमडीएम) कार्यक्रम 10 फरवरी से 25 फरवरी तक चलाया जाएगा। जिसमें सहिया के द्वारा घर घर जाकर योग्य लाभुकों को दवा खिलाई जाएगी। इसलिए यह हम सबकी जिम्मेदारी होती है कि एमडीए अभियान के दौरान सभी अपनी उम्र के अनुसार इन दवाओं का सेवन करें और अपने परिवार और समाज को फाइलेरिया से मुक्त बनाने में अपना सहयोग दें। उन्होंने आगे बताया कि कालाजार और डेंगू उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा अभियान चलाया जाता है।

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