ग्रामीणों को पक्की सड़क भी नसीब नहीं
बेंगाबाद के ताराजोरी पंचायत के कई गांवों में ग्रामीणों को पक्की सड़क की कमी का सामना करना पड़ रहा है। लोग कच्चे रास्तों पर चलने को मजबूर हैं, खासकर बरसात में। 24 वर्षों बाद भी बेंगाबाद प्रखंड में...
बेंगाबाद। ताराजोरी पंचायत के कई गांवों के ग्रामीणों को पक्की सड़क भी नसीब नहीं है। वर्षों से कई गांव के ग्रामीण पगडंडी पर चलने को विवश हैं। यह रास्ता ताराजोरी पंचायत भवन के बगल से कटकर जाता है और सामुडीह, मोहनडीह, जोनराबेड़ा सहित अन्य आदिवासी गांवों को जोड़ने वाला यह मुख्य रास्ता हैं। शत प्रतिशत लोग गांव आने जाने के लिए इस रास्ते का ही उपयोग करते हैं। हालांकि ताराजोरी पंचायत भवन के आगे से उक्त गांवों को जोड़ने के लिए पक्की सड़क की व्यवस्था है, लेकिन दूरी अधिक होने के कारण लोग कच्चे रास्ता से ही आना जाना करते हैं। अलग झारखंड राज्य बने 24 वर्ष बीतने को हैं, लेकिन आज भी बेंगाबाद प्रखंड क्षेत्र में लोगों को पक्की सड़क नसीब नहीं हुआ है। लोग कच्ची सड़क से ही आना जाना कर रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो सामान्य दिनों में लोगों को कच्चे रास्ते से आने जाने में परेशानी नहीं होती है, लेकिन बरसात के मौसम में लोगों को सड़क पर चलने में परेशानी होती है। बतला दें कि ताराजोरी पंचायत भवन के बगल से जाने वाले कच्चे रास्ते में लंबे समय से किसी प्रकार की कोई मरम्मत नहीं कराई गई है। पंचायत के पोषक बस्ती के शत प्रतिशत ग्रामीण लंबी दूरी जाने वाली पक्की सड़क को छोड़कर कच्ची सड़क से ही आते जाते हैं। इस पगडंडी को देखने से बेंगाबाद प्रखंड में विकास कार्य का सहजता से अंदाजा लगाया जा सकता है।
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