Hindi Newsझारखंड न्यूज़गिरिडीहThousands Celebrate Moksha Kalyanak of Jain Tirthankar Parshvanath at Parasnath Hill

भगवान पार्श्वनाथ के मोक्षकल्याणक पर तीस हजार श्रद्धालुओं ने निर्वाण लाडू चढ़ाया

जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के मोक्षकल्याणक दिवस पर तीस हजार श्रद्धालुओं ने निर्वाण लाडू चढ़ाया। मधुबन में विभिन्न मंदिरों में पूजा अभिषेक व धार्मिक विधियां पूरी की गई। जगह-जगह शिविर...

Newswrap हिन्दुस्तान, गिरडीहMon, 12 Aug 2024 01:09 AM
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पीरटांड़, प्रतिनिधि। जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के मोक्षकल्याणक दिवस पर तीस हजार श्रद्धालुओं ने निर्वाण लाडू चढ़ाया। स्वर्णभद्र टोंक पर धार्मिक विधि विधान के पूजा अभिषेक के बाद निर्वाण लाडू अर्पित किया गया। मोक्षसप्तमी पर मधुबन में साधनारत साधु साध्वी के सानिध्य में विभिन्न मंदिरों में पूजा अभिषेक व धार्मिक विधियां पूरी की गई। आयोजित धार्मिक अनुष्ठान से मधुबन का माहौल भक्तिमय हो उठा। ज्ञात रहे कि जैन धर्म के चौबीस में से बीस तीर्थंकरों की निर्वाणभूमि व 23 वें तीर्थंकर के नाम से देशभर में प्रसिद्ध सिद्धक्षेत्र सम्मेदशिखर पारसनाथ में भगवान पार्श्वनाथ का 2801 वां मोक्षकल्याणक महामहोत्सव धूमधाम से मनाया गया। भगवान पार्श्वनाथ के मोक्षकल्याणक पर विभिन्न प्रान्तों से भारी संख्या में तीर्थयात्रियों का जुटान हुआ। देशभर से मधुबन पहुंचे लगभग तीस हजार श्रद्धालुओं ने रविवार को पारसनाथ पर्वत की वंदना कर स्वर्णभद्र टोंक में निर्वाण लाडू चढ़ाया। सावन सुदी सप्तमी पर निर्वाण लाडू चढ़ाने को लेकर शनिवार रात से ही श्रद्धालु पारसनाथ पर्वत की चढ़ाई को निकल गए थे। पारसनाथ वंदना पथ दिन-रात श्रद्धालुओं की चहल-कदमी व बाबा के जयकारे से गुंजायमान रहा। भगवान पार्श्वनाथ की मोक्षसप्तमी को लेकर बीस पंथी कोठी से भगवान की प्रतिमा के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई। गाजे बाजे के साथ श्री जी को सिर पर विराजमान कर श्रद्धालु रविवार सुबह स्वर्णभद्र टोंक पहुंचे। स्वर्णभद्र टोंक पर भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा को धार्मिक विधि विधान से विराजमान कर विधिवत पूजा अर्चना की गई। स्वर्णभद्र टोंक पर बोली लगाकर लाभार्थी परिवार द्वारा ध्वजारोहण व सबसे पहले पूजन अभिषेक व निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। स्वर्णभद्र टोंक पर पहली पूजा आरती के बाद कतारबद्ध होकर हजारों की संख्या में तीर्थयात्रियों ने दर्शन वंदन कर निर्वाण लाडू अर्पित किया। मोक्षसप्तमी पर जगह जगह धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन हुआ। भगवान पार्श्वनाथ के मोक्षकल्याणक दिवस पर मधुबन के विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजा प्रक्षाल, शांतिधारा व धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया। मधुबन तेरहपंथी कोठी में साधु संतों के सानिध्य में निर्वाण महोत्सव का आयोजन किया गया। बीसपंथी कोठी, त्रियोग आश्रम, गुणायतन, शान्तिधाम, आनिन्दा पार्श्वनाथ समेत विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना के साथ निर्वाण लाडू चढ़ाया गया।

जगह-जगह शिविर लगाकर सुविधा प्रदान की गई। मोक्षसप्तमी पर पारसनाथ वंदना पथ पर तीर्थयात्रियों की भीड़ को देखते हुए विभिन्न सामाजिक संगठन द्वारा शिविर लगाकर सुविधा प्रदान की गई। भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी द्वारा पारसनाथ पर्वत स्थित गौतम स्वामी टोंक, पार्श्वनाथ प्रभु टोंक व वंदना पथ पर जगह जगह चिकित्सा शिविर लगाकर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की गई। कोलकाता व दिल्ली के सामाजिक संगठन द्वारा भी वंदना पथ पर चाय नास्ते व शीतल पेय की व्यवस्था की गई थी। स्थानीय शिखर जी स्वच्छता समिति व सेवायतन संस्था द्वारा चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई।

भारतवर्षीय दिगम्बर तीर्थक्षेत्र कमेटी ने की थी व्यापक व्यवस्था: मोक्षसप्तमी पर भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन के नेतृत्व में व्यापक इंतजाम किया गया था। कमेटी द्वारा स्वर्णभद्र टोंक पर भीड़भाड़ नियंत्रण से लेकर अन्य सुविधा दी गई। कमेटी के द्वारा श्रद्धालुओं के लिए शुद्ध धोती दुपट्टा, कलश, निर्वाण लाडू की व्यवस्था की गई थी। कमेटी द्वारा कार्यालय के पास बैठने, चाय नास्ते व मेडिकल सुविधा दी गई।

पारसनाथ पर्वत वंदना पथ पर खूब चली बाइक: पारसनाथ पर्वत वंदना को जाने के लिए तीर्थयात्रियों की पहली पसंद बाइक की सवारी रही। पहाड़ की तराई से लेकर डाक बंगला तक ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर दिन रात बाइक की सवारी चलती रही। भारी संख्या में तीर्थयात्री भी बाइक की सवारी कर पारसनाथ पर्वत पहुंचे थे। खराब सड़कों पर जान जोखिम में डालकर अधिक कमाई के लिए बाइक चालक तेज भगाते देखे गए। लगभग पांच सौ की संख्या में बाइक चालक सवारी ढोने के काम मे जुटे थे। इस वर्ष मोक्षसप्तमी पर बाइक की सवारी तीर्थयात्रियों के लिए पहली पसंद साबित हुई।

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