साढ़े 10 बजे कोहरे के बाद जागा शहर, तापमान 10 पर
गिरिडीह में ठंड और घने कोहरे ने जनजीवन को प्रभावित किया है। सुबह कोहरा इतना था कि 10 मीटर दूर की वस्तुएं भी दिखाई नहीं दे रही थीं। ठंड के कारण सरकारी कामकाज, रेल और बस सेवाएं प्रभावित हुई हैं। बच्चों...
गिरिडीह। गिरिडीह में बुधवार को मौसम ने फिर करवट लिया। सुबह लोग जागे तो घना कोहरा और धुंध छाया रहा। साढ़े 10 बजे के बाद धुंध साफ हुई तो शहर अपने कामों में जुट गया। इसके पूर्व सुबह लोग जब नींद से जागे तो उन्हें पास की चीज नजर नहीं आई। हर तरफ कोहरे की सफेद चादर थी। कोहरे के कारण 10 मीटर दूर की चीज नजर नहीं आ रही थी। इससे वाहन चालक से लेकर आमलोग भी परेशान रहे। दोपहर में धूप कड़क हुई तो लोगों को कनकनी से निजात मिली। इसके बाद देर शाम से शीतलहर और धुंध ने फिर शहर को अपने आगोश में ले लिया। इस दौरान 12 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही सर्द हवाओं से सिहरन अधिक रही, वहीं न्यूनतम तापमान 10.9 डिग्री और अधिकतम तापमान 21.1 डिग्री रहा।
सार्वजनिक जीवन पर पड़ रहा असर
कड़ाके की ठंड का असर सार्वजनिक जीवन पर भी पड़ा। इसके चलते सरकारी और गैर सरकारी विभागों में कामकाज प्रभावित होता रहा। रेल व बस सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। सड़क यात्रा भी मुश्किल हो गई है। गरीबों के लिए ठंड काटना मुश्किल हो रहा है। लोगों की दिनचर्या भी ठंड से बदल गई है। ठंड की मार बेजुबानों पर भी पड़ रहा है। इससे पशुपालक भी खासे परेशान है। ठंड की पड़ रही आफत से शहर ही नहीं, बल्कि गांव भी परेशान है। सूर्य ढलते ही गांव सो जा रहा है और कोहरे के कारण देर से जाग रहा है।
शुगर-बीपी के मरीज परेशान
बढ़ी ठंड के कारण सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की संख्या में तेजी आई है। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों और बुजुर्गों को हो रही है। बच्चों को सर्दी, बुखार जैसी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने लगी है। बढ़ती ठंड में शुगर व बीपी के मरीज भी परेशान हैं। इस पर चिकित्सक भी बुजुर्ग और बच्चों पर विशेष ख्याल रखने की नसीहत दे रहे हैं। कहा कि ठंड के दिनों में सबसे ज्यादा परेशानी बीपी व शुगर के मरीजों की होती है। उनमें हार्ट अटैक की संभावना अधिक होती है।
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