अध्यात्म से दूर जाने के कारण अशांति: प्रेरणा
गांडेय प्रखंड के पंचायत ताराटांड़ में एक दिवसीय सद्भावना संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें महात्मा प्रेरणा बहन ने आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचार किया और मानव जीवन की सार्थकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने...
ताराटांड़, प्रतिनिधि। गांडेय प्रखंड के पंचायत ताराटांड़ के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर भलपहरी में शनिवार रात मानव उत्थान सेवा समिति शाखा भलपहरी के द्वारा एक दिवसीय सद्भावना संत सम्मेलन सह सत्संग समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन जितन पंडित के द्वारा किया गया। जिसमें राष्ट्रीय संत सह मानव धर्म के प्रणेता सदगुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज की आत्म अनुभवी शिष्या प्रेरणा बहन एवं मान्यता बहन झारखंड प्रदेश के विभिन्न सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ज्ञान का प्रचार करते हुए ताराटांड़ पंचायत के ग्राम भलपहरी पहुंचे और ज्ञान-विज्ञान से ओत-प्रोत आध्यात्मिक सत्संग विचार उपस्थित प्रेमी भक्तों के समक्ष परोसा। मानव जीवन की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए महात्मा प्रेरणा बहन ने बताया कि अध्यात्म को जाने बिना मानव अपने जीवन का मूल उद्देश्य नहीं समझ सकता है। आज सम्पूर्ण मानव समाज अध्यात्म से दूर चले गये हैं जिसके कारण आज समाज में अशांति फैल रही है। भाईचारे की भावना समाप्त होते जा रही है। आध्यात्मिक ज्ञान से मानव जीवन में आत्मिक शांति मिलती है और समाज में शांति कायम होती है। सत्संग के द्वारा उन्होंने कहा कि सत्य और असत्य के बीच जो अन्तर को समझता है वहीं सत्संग है। सत्संग के दौरान मान्यता बहन ने कहा कि मानव जीवन का प्रमुख लक्ष्य ईश्वर की प्राप्ति करना है। चाहे वह किसी भी धर्म व जाति के क्यों न हो सभी का लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति करना है। वर्तमान समय में मानव अपने मूल स्वरुप को भूल गया है जिसे जगाने के लिए समय-समय पर महापुरुष इस धरा धाम में आते हैं। इस कार्यक्रम को संपन्न में गौरीशंकर यादव, अर्जुन पंडित, कुंजो पंडित का सराहनीय योगदान रहा।
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