चार हजार देकर चौबीस घंटे में बने पीएम-किसान योजना का लाभुक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के वाशिम से पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की 18वीं किस्त जारी की। गिरिडीह में कई किसान बिचौलियों के माध्यम से लाभ प्राप्त कर रहे हैं, जबकि कई योग्य किसान वंचित...
सियाटांड़/गिरिडीह। शनिवार 5 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के वाशिम से पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की 18वीं किस्त जारी की। जिले के हजारों किसानों को इसका लाभ मिला तो कई योग्य किसान इससे अब-तक वंचित हैं। इसकh मुख्य वजह इसमें बरती जा रही अनियमितता है। इन दिनों गिरिडीह में पीएम किसान सम्मान निधि योजना में बिचौलियों की भूमिका काफी अहम हो गई है। जाहे आपका पैसा इस योजना में फंसा हो, आपका आवेदन पेंडिंग हो या फिर आपको इस योजना के लिए नया आवेदन करना हो। बगैर बिचौलियों के आपका इस योजना से जुड़ा कोई काम नहीं हो सकता। भले ही आपका इसके लिए ब्लॉक से लेकर जिला तक के पदाधिकारियों के पास चक्कर लगाते-लगाते कई जोड़े जूता-चप्पल घिस जाए और वर्षों बीत जाए। लेकिन यदि आपने किसी विश्वसनीय बिचौलिए को पकड़ा है तो आपका काम बगैर कहीं गए चुटकियों में हो जाएगा। इस योजना में हो रहे भ्रष्टाचार का खुलासा गहन जांच का रिकॉर्ड तोड़ सकता है। यह मामला भी जिले में हुए राशनकार्ड के अवैध एंट्री के समान ही बड़ा हो सकता है। यदि शीघ्र ही इसे नहीं रोका गया तो मूल किसान इस योजना से वंचित हो सकते हैं।
चार हजार में चौबीस घंटे में पोर्टल पर एप्रूव हो रहा आवेदन
जमुआ, बेंगाबाद, देवरी सहित जिलेभर के कई सीएससी संचालकों ने बताया कि उन्होंने जिन किसानों का ऑनलाइन आवेदन 2021 में किया था उनका आवेदन आज़ तक ब्लॉक, जिला या फिर स्टेट लेबल पर पेंडिंग दिख रहा है। जितनी बार सरकार इस योजना के लिए धनराशि जारी करती है। सभी किसान चेक करवाने उनलोगों के पास आ जाते हैं; आवेदन पेंडिंग देखकर सभी मायूस होकर लौट जाते हैं। वहीं जिसने बिचौलियों की मदद से 3500-4000 रुपए देकर अपना आवेदन एप्रूव करवाया उन्हें हर किस्त की राशि समय पर आ रही है।
एक ही परिवार के कई सदस्यों को मिल रहा योजना का लाभ
बताते चलें कि नियमानुसार काम नहीं होने से लोग बिचौलियों के पास जाते हैं और काम करवाते हैं। इससे कई अयोग्य लाभुकों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। एक ही परिवार में पति-पत्नी व बेटे तक इसका लाभ उठा रहे हैं तो दूसरी ओर किसी परिवार में किसी को भी इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। पैसे लेकर बिचौलिए किसी का भी आवेदन एप्रूव करवा रहे हैं। यहां तक कि यदि आपका घर गिरिडीह प्रखंड क्षेत्र में है तो आपका आवेदन जमुआ प्रखंड से ऑनलाइन कर एप्रूव कर दिया जाएगा। मेल-फीमेल तक का ग़लत एंट्री कर दी जा रही है।
क्या है आवेदन एप्रूव होने का पूरा प्रोसेस
किसान किसी भी सीएससी सेंटर पर जाकर pmkisan.gov.in वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें जमीन की अद्यतन रसीद, आधार कार्ड व वंशावली देना होता है। आवेदन करते वक्त आपका बायोमीट्रिक लिया जाएगा अथवा आधार बेस्ट ओटीपी लिया जाएगा। इसके बाद आवेदन क्रमश: अंचल अधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी व स्टेट में इस योजना के लिए रखे गए अधिकारी वेरिफाई करते हैं। इतना सबकुछ होने पर आपका आवेदन पूर्णता एप्रूव हो जाएगा और आप इस योजना के पात्र हो जाएंगे। यह योजना भारत के छोटे और सीमांत किसानों के लिए बनाई गई है, जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की भूमि है।
कम्प्यूटर ऑपरेटरों की भूमिका संदिग्ध
विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि बिचौलियों का संपर्क जिले के हर अंचल के कम्प्यूटर ऑपरेटरों से है। दोनों मिलकर अवैध तरीके से योजना के लाभुकों की एंट्री कर रहे हैं। इसमें उन्हें जिला से लेकर स्टेट लेवल तक के ऑपरेटरों का साथ मिलता है। अब इस बारे में अधिकारियों को पता रहता है या वे जानकर भी अंजान बने रहते हैं यह जांच का विषय है।
क्या कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारी
रविवार को जिला कृषि पदाधिकारी(डीएओ) आशुतोष तिवारी से इस संबंध में बात करने की कोशिश की कई तो उन्होंने इस संबंध में बात करने से साफ इंकार करते हुए कहा कि ये सब बातें फोन पर नहीं की जा सकती। ऑफिस में आइए सामने बैठकर बताएंगे।
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