हत्या व दुर्घटना के कारण पहले भी सुर्खियों में रहा है सिंघो गांव
तिसरी प्रखंड के सिंघो पंचायत में विजय यादव की हत्या ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी चार हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, पहले भी कई गंभीर घटनाएं इस...
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तिसरी। तिसरी प्रखंड के सिंघो पंचायत हत्या व अन्य घटनाओं को लेकर शुरू से सुर्खियों में रहा है। पांच दिन पहले सिंघो गांव के निवासी विजय यादव की हत्या की घटना ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। वहीं कानून व्यवस्था को भी शर्मशार कर दिया है। हालांकि पुलिस ने विजय यादव की हत्या के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना के चौथे दिन ही सभी चारों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजने का काम किया है। यह तिसरी पुलिस की बड़ी सफलता है। बहरहाल, इसी तरह से डेढ़ साल पहले सिंघो गांव के ही 18 वर्षीय नुनूलाल शर्मा की बेरहमी से हत्या करके सिंघो और गावां बोर्डर पर स्थित जरलहिया जंगल में एक पेड़ में लटका दिया गया था। इस घटना पर आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम और प्रदर्शन किया था। तब जाकर घटना के एक माह के बाद नुनूलाल शर्मा का शव जरलहिया जंगल से बरामद किया गया था। इसके कुछ ही माह के बाद सिंघो गांव के निवासी महेश राणा का अपहरण कर लिया गया था किंतु ग्रामीणों के भारी दबाव के कारण उन्हें कारीपहरी के जंगल में छोड़ दिया गया था। लेकिन नुनूलाल शर्मा की हत्या और महेश के अपहरण की घटना के डेढ़ साल के बाद भी पुलिस उदभेदन नहीं कर पाई है और न ही नुनूलाल की हत्या के मामले में एक भी आरोपी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा गया है जिसके कारण नुनूलाल शर्मा की हत्या की घटना एक अबूझ पहेली बनकर रह गई है। इसके अलावा भी कई घटनाएं सिंघो गांव के नाम रहा है। कुछ साल पहले एक इंजीनियर दम्पत्ति चार पहिया वाहन से गावां की ओर जा रहे थे। तभी सिंघो गांव के पास एक बच्चे की उनकी कार की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई थी। इस घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने इंजीनियर दम्पत्ति के शरीर में पेट्रोल डाल कर आग लगा दिया था। इस घटना में इंजीनियर गंभीर रुप से जख्मी हो गए थे। वहीं उनकी पत्नी भी मामूली रुप से झुलस गई थी। हालांकि इस घटना में भी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम किया था। इससे कई सालों पहले संपति के लिए एक वृद्ध महिला की हत्या कर दी गई थी। अलबत्ता तिसरी के सिंघो पंचायत के तथाकथित बेखौफ लोग काफी पहले से घटनाओं को अंजाम देते रहे है। अधिकांश घटनाओं में पुलिस ने आरोपियों को जेल भेजने का काम किया है। लेकिन कुछ मामलों का कई सालों बाद भी पटाक्षेप नहीं हो पाया है। लिहाजा, विजय यादव की हत्या की हृदय विदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला कर रख दिया है। विजय की मौत के बाद से अब तक विजय की पत्नी गीता देवी की आंसू नहीं थम रहे हैं।
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